मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण जमीन घोटाले में सीएम सिद्धारमैया और परिवार को राहत

Karnataka Chief Minister Siddara

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती और अन्य पर लगे जमीन घोटाले के आरोपों में बड़ी राहत मिली है। कर्नाटक लोकायुक्त ने इस मामले में उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिलने के चलते क्लीन चिट दे दी है। इससे पहले, मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े इस कथित घोटाले में मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी, भाई मल्लिकार्जुन और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

लोकायुक्त पुलिस की जांच में पाया गया कि आरोपियों (सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और अन्य) के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण मौजूद नहीं हैं। हालांकि, इस मामले में शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को भी नोटिस जारी किया गया है।

इससे पहले, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी, जिसके बाद सिद्धारमैया ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने मामले की जांच को आवश्यक बताया था।

लोकायुक्त पुलिस ने स्पष्ट किया कि 2016 से 2024 के बीच मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा 50:50 के अनुपात में प्रतिपूरक भूखंड देने के आरोपों की आगे जांच होगी। इसके तहत, धारा 173 (8) सीआरपीसी के तहत उच्च न्यायालय में एक अतिरिक्त अंतिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी।

इस कथित घोटाले की शिकायत एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा ने राज्यपाल से की थी। आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री ने विजयनगर लेआउट में जमीन पाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और उनकी पत्नी ने गैरकानूनी रूप से MUDA की जमीन हासिल की। हालांकि, लोकायुक्त की जांच में इन आरोपों को पुष्टि नहीं मिली, जिससे मुख्यमंत्री और उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है।