भारत में मुस्लिम प्रजनन दर: दिल्ली स्थित थिंक टैंक सीएसडीएस के अनुसार, मुस्लिम महिलाओं की प्रजनन दर हिंदुओं की तुलना में अधिक है, अगर 100 हिंदू महिलाएं 213 बच्चों को जन्म देती हैं, तो 100 मुस्लिम महिलाएं 261 बच्चों को जन्म देती हैं। भारत में हिंदुओं के बाद सबसे ज्यादा आबादी मुसलमानों की है, लेकिन अगर हिंदू महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं की प्रजनन दर पर नजर डालें तो आंकड़े इसके विपरीत हैं।
दिल्ली स्थित थिंक टैंक सीएसडीएस के अनुसार, देश में मुस्लिम महिलाओं की प्रजनन दर हिंदू महिलाओं की तुलना में अधिक है, यानी मुस्लिम महिलाएं तुलनात्मक रूप से अधिक बच्चे पैदा करती हैं।
सीएसडीएस के अनुसार, हिंदुओं में महिला प्रजनन दर 2.13 है, मुसलमानों में यह 2.61 है। मुस्लिम महिलाओं में प्रजनन दर हिंदू महिलाओं की तुलना में 0.28 अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर 100 हिंदू महिलाएं 213 बच्चों को जन्म देती हैं तो मुस्लिम महिलाओं में यह आंकड़ा 261 के आसपास है।
प्यू रिसर्च के मुताबिक, 1952 से 2015 के बीच देश के सभी धर्मों में प्रजनन दर में गिरावट आई है। मुसलमानों में प्रजनन दर में भी गिरावट आई है, लेकिन अन्य धर्मों की तुलना में उनकी प्रजनन दर अभी भी सबसे अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार, 1952 से 2015 के बीच 63 वर्षों में मुस्लिम महिलाओं में प्रजनन दर लगभग आधी हो गई है।
प्यू रिसर्च के मुताबिक, 1952 में मुस्लिम महिलाओं की प्रजनन दर 4.4 थी, जो 2015 में लगभग आधी हो गई है।
जहां तक हिंदुओं की बात है तो इस दौरान उनकी प्रजनन दर में 1.2 की गिरावट आई है। जहां 1952 में यह आंकड़ा 3.3 था, वहीं 2015 में यह 2.1 हो गया।
अगर दोनों धर्मों की महिलाओं की प्रजनन दर की तुलना करें तो 63 साल में मुस्लिम महिलाओं की प्रजनन दर हिंदू महिलाओं से ज्यादा घट गई है।
इस कमी के बावजूद, हिंदू, सिख, ईसाई, जैन और बौद्धों के बीच मुस्लिम महिलाओं की प्रजनन दर सबसे अधिक है।