
उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी 2025: उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य, विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि का एक जीता-जागता उदाहरण है। यहां हर धर्म, जाति और संस्कृति के लोग मिलजुलकर रहते हैं। इस राज्य की खासियत ही इसकी सांस्कृतिक एकता में अनेकता है। लेकिन जब बात जनसंख्या की होती है, खासकर धार्मिक जनसंख्या की, तो उत्तर प्रदेश एक दिलचस्प अध्ययन का विषय बन जाता है।
यह लेख उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी की स्थिति को लेकर 2011 की जनगणना, अब तक के अनुमान और 2025 तक की अपेक्षित स्थिति पर रोशनी डालता है।
भारत में अंतिम आधिकारिक जनगणना कब हुई थी?
भारत में आखिरी बार आधिकारिक जनगणना 2011 में हुई थी। इसके बाद 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इसे टाल दिया गया।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र, वर्ल्ड बैंक और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां समय-समय पर देश की जनसंख्या को लेकर अनुमान जारी करती रहती हैं। इन अनुमानों के मुताबिक, मार्च 2025 तक भारत की जनसंख्या 1.45 से 1.46 अरब के बीच हो सकती है।
उत्तर प्रदेश की कुल आबादी और मुस्लिम जनसंख्या
उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या, 2011 की जनगणना के अनुसार, करीब 19.98 करोड़ थी। इसमें मुस्लिम जनसंख्या लगभग 3.84 करोड़ यानी 19.26% थी।
2025 तक यह संख्या अनुमानतः 4.5 करोड़ तक पहुंच सकती है, लेकिन जब तक आधिकारिक 2021 की जनगणना के आंकड़े सामने नहीं आते, तब तक यह सिर्फ अनुमान ही रहेगा।
किन जिलों में है मुस्लिम आबादी का वर्चस्व?
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मुस्लिम आबादी काफी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखती है। इनमें से कुछ जिलों में तो मुस्लिम आबादी 50% से भी अधिक है। आइए नजर डालते हैं ऐसे कुछ प्रमुख जिलों पर:
संभल
-
2012 में मुरादाबाद से अलग होकर बना।
-
2011 के अनुमान के अनुसार, यहां 60-70% तक मुस्लिम आबादी है।
मुरादाबाद
-
मुस्लिम आबादी: 50.82%
रामपुर
-
मुस्लिम आबादी: 50.57%
बिजनौर
-
मुस्लिम आबादी: 43.03%
सहारनपुर
-
मुस्लिम आबादी: 41.95% (शामली अलग होने से पहले)
मुजफ्फरनगर
-
मुस्लिम आबादी: 41.30% (शामली अलग होने से पहले)
इन जिलों में सामाजिक ताना-बाना मुस्लिम संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यहां की स्थानीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक वातावरण में इनकी भूमिका विशेष मानी जाती है।

भारत में मुस्लिम आबादी की स्थिति
2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या 121.09 करोड़ थी, जिसमें से 17.22 करोड़ मुसलमान थे। इसका अर्थ यह हुआ कि देश की 14.2% जनसंख्या मुस्लिम थी। यह आंकड़ा भारत में मुसलमानों को हिंदुओं के बाद दूसरी सबसे बड़ी धार्मिक जनसंख्या बनाता है।
धार्मिक जनसंख्या वितरण (2011):
-
हिंदू: 79.8%
-
मुस्लिम: 14.2%
-
ईसाई: 2.3%
-
सिख: 1.7%
-
अन्य: 2%
विविधता में एकता: उत्तर प्रदेश की ताकत
उत्तर प्रदेश केवल जनसंख्या के हिसाब से नहीं, बल्कि धार्मिक सह-अस्तित्व के मामले में भी एक मिसाल है। यहां के शहरों और गांवों में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। चाहे ईद हो या दिवाली, होली हो या बकरीद – उत्तर प्रदेश की गलियों में हर त्योहार की खुशबू महसूस की जा सकती है।
मुस्लिम समुदाय राज्य की कला, संस्कृति, शिल्प, कपड़ा उद्योग, शायरी, संगीत और यहां तक कि खानपान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लखनऊ, बनारस, मुरादाबाद जैसे शहर तो इसकी खूबसूरती का सजीव उदाहरण हैं।