भारत की आर्थिक राजधानी माने जाने वाले मुंबई शहर ने अपनी सफलता की कहानी में एक और ताज जोड़ लिया है। 92 अरबपतियों के साथ मुंबई चीन की राजधानी बीजिंग को पीछे छोड़कर एशिया की नई अरबपतियों की राजधानी बन गई है। मुंबई में अरबपतियों की संख्या 26 बढ़ी है जबकि बीजिंग में 18 अरबपति कम हुए हैं। हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 271 अरबपतियों के साथ भारत दुनिया में सबसे ज्यादा अरबपतियों वाले देशों में तीसरे स्थान पर है। दुनिया में इस समय 3,279 अरबपति हैं। पिछले साल अरबपतियों की संख्या में 167 की बढ़ोतरी हुई है। चीन 814 अरबपतियों के साथ दुनिया में नंबर एक बना हुआ है। हालांकि, चीन में अरबपतियों की संख्या में 155 की कमी आई, जबकि भारत में पिछले साल 100 नए अरबपति जुड़े। भारत में अरबपतियों की संख्या में वृद्धि आर्थिक आत्मविश्वास को दर्शाती है, मुंबई देश की बढ़ती समृद्धि के प्रतीक के रूप में उभर रहा है।
इसके अलावा, पहली बार अरबपतियों के लिए शीर्ष 10 शहरों में नई दिल्ली का प्रवेश वैश्विक धन मानचित्र पर भारत के बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीता साल भारत के लिए काफी मजबूत रहा। अर्थव्यवस्था में विश्वास रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। हुरुन सूची के इतिहास में पहली बार, मुंबई एशिया की अरबपतियों की राजधानी बन गई और वैश्विक स्तर पर शीर्ष तीन शहरों में शामिल होने के लिए बीजिंग को भी पीछे छोड़ दिया। एलन मस्क ने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में शीर्ष स्थान बरकरार रखा है, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी 10वें स्थान पर हैं। वे एशिया के अमीरों में सबसे आगे हैं। गौतम अडानी अपनी संपत्ति में 62 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 15वें स्थान पर हैं, जबकि सीरम इंस्टीट्यूट के साइरस पूनावाला 55वें स्थान पर हैं, सन फार्मा के दिलीप सांघवी 61वें स्थान पर हैं, आदित्य बिड़ला समूह के कुमारमंगलम बिड़ला और एवेन्यू सुपरमेटर्स के राधाकिशन दमानी 100वें स्थान पर हैं।