भारतीय क्रिकेट के दो महान खिलाड़ी, एमएस धोनी और विराट कोहली, 11 साल तक भारतीय टीम के लिए एकसाथ खेले। कोहली ने धोनी की कप्तानी में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था, जबकि धोनी ने 2019 में कोहली की अगुवाई में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। इन दोनों के बीच का रिश्ता समय के साथ एक मजबूत दोस्ती में बदल गया, लेकिन इसके बावजूद एक सीनियर-जूनियर की लकीर आज भी बरकरार है।
धोनी और कोहली के बीच खास रिश्ता
चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने जियो हॉटस्टार को दिए एक इंटरव्यू में अपने और विराट कोहली के रिश्ते पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा,
“मेरे और विराट के बीच शुरू से ही एक अच्छा रिश्ता रहा है। वह ऐसे खिलाड़ी थे, जो सिर्फ 40-60 रन से संतुष्ट नहीं होते थे, बल्कि 100 रन बनाकर नॉटआउट रहने की भूख रखते थे। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी, फिटनेस और खेल की इच्छाशक्ति को लगातार निखारा, जिससे वह खुद को एक महान खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सके।”
धोनी ने आगे बताया कि उन्होंने और कोहली ने मैदान पर और बाहर बहुत सी बातें कीं, जिससे उनके बीच बेहतर समझ विकसित हुई।
“हम दोनों ने क्रिकेट के बारे में बहुत चर्चा की। मैंने उन्हें ईमानदार राय दी, जैसे ‘यह रिस्क लेना चाहिए था’ या ‘तुम इसे एक ओवर तक टाल सकते थे’। हमारे रिश्ते की शुरुआत एक कप्तान और युवा खिलाड़ी के रूप में हुई थी, लेकिन समय के साथ हम अच्छे दोस्त बन गए। हालांकि, मैं अब भी महसूस करता हूं कि हमारे बीच सीनियर और जूनियर की एक लकीर बनी हुई है, भले ही अब हम दोनों कप्तान नहीं हैं।”
दोस्त से बढ़कर एक मार्गदर्शक
धोनी और कोहली के रिश्ते में सबसे अहम मोड़ तब आया जब विराट कोहली ने 2021 में टी20 कप्तानी छोड़ी, 2022 में टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा दिया और वनडे कप्तानी से हटाए गए। उस कठिन समय में कोहली को सिर्फ एक खिलाड़ी का मैसेज मिला – और वह थे एमएस धोनी।
कोहली ने एक बार बताया था,
“जब मैंने टेस्ट कप्तानी छोड़ी तो मुझे सिर्फ धोनी का मैसेज मिला। यह दिखाता है कि जब आपके दिल में किसी के लिए सम्मान होता है और आप उनसे ईमानदारी से जुड़े होते हैं, तो वह रिश्ता दिखावे से परे होता है।”