मप्रः उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने जेएनएस महाविद्यालय में किया “विद्यावन” योजना का शुभारंभ

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शाजापुर, 13 जुलाई (हि.स.)। उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने शनिवार को शाजापुर जिले के शुजालपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू स्मृति शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग की नवाचारी योजना “विद्यावन” का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिसर में 251 पौधे रोपित किए गए। यहां एक हजार 100 पौधे लगाकर “विद्यावन” विकसित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

“विद्यावन” के शुभारंभ अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में वैश्विक तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि और वन सम्पदा में लगातार आ रही कमी को दृष्टिगत रखते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जनसहभागिता से वनों को विकसित करने की आवश्यकता है। महाविद्यालयीन विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति सकारात्मक भाव जागृति के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने “विद्यावन” योजना के रूप में नवाचार किया है। परमार ने कहा कि प्रदेश के समस्त महाविद्यालयों में “विद्यावन” विकसित किए जाएंगे।

पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से महाविद्यालयों में “विद्यावन” होंगे विकसित

उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा मंत्री परमार के मार्गदर्शन पर प्रदेश के महाविद्यालयीन विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनमें स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक भाव उत्पन्न करने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने “विद्यावन” योजना के रूप में नवाचारी पहल की है। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के समस्त शासकीय, अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में “विद्यावन” विकसित कर उसमें वृक्षारोपण किए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार समस्त महाविद्यालयों को संस्था परिसर में “विद्यावन” के लिए उपयुक्त भूमि का चयन करना होगा, महाविद्यालय में भूमि उपलब्ध न होने की स्थिति में स्थानीय प्रशासन से समन्वय कर संस्था परिसर के निकट भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।

वृक्षारोपण में महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं की महती भूमिका सुनिश्चित कराने के लिए उनके व्यक्तिगत महत्व के दिवसों जैसे उनके जन्मदिन आदि पर उन्हें वृक्षारोपण करने, उनके रखरखाव, निगरानी हेतु प्रोत्साहित करने को भी कहा गया है। वृक्षों के वृद्धि एवं रखरखाव की जवाबदारी सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देशित किया गया हैं। वन विभाग से समन्वय कर ‘विद्या वन’ विकसित करने हेतु वृक्षों की रोपण योजना तथा रोपित किये जाने वाले वृक्षों जैसे- नीम, पीपल, करंज, मौलश्री, गूलर, इमली, महूआ इत्यादि वृक्षों की प्राथमिकता देने को कहा गया है। इनके अतिरिक्त स्वाभाविक रूप से स्थानीय जलवायु, मिट्टी और पारिस्थितिक परिस्थितियों के अनुकूल, ज्यादा ऑक्सीजन उत्सर्जित करने वाले तथा फलदार देशी प्रजातियों का भी रोपण करने के निर्देश दिए गए हैं।

इस अवसर पर महाविद्यालय जनभागीदारी समिति अध्यक्ष आलोक खन्ना, महाविद्यालय प्राचार्य डॉ राजेश शर्मा,खेल शिक्षक देवेंद्र कुंभकार, डॉ मुकेश मेवाड़ा, डॉ भेरूलाल चोरड़िया, रघुवीर सिंह राठौड़ सहित महाविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं अन्य उपस्थित रहे।