भोपाल, 06 जून (हि.स.)। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के साथ ही अब आचार संहिता भी समाप्त हो गई है। इस संबंध में गुरुवार को भारत निर्वाचन आयोग ने आदेश जारी कर दिया है। लोकसभा चुनाव को लेकर 16 मार्च को आचार संहिता लागू की गई थी। इसके समाप्त होने के बाद अब प्रदेश में जनसुनवाई के साथ सभी काम शुरू हो जाएंगे। इससे प्रदेश में विकास कार्यों में तेजी आएगी।
दरअसल, आचार संहिता के दौरान कई काम नहीं किये जा सकते हैं। जिसमें सरकार कैबिनेट की बैठक नहीं कर सकती। आचार संहिता लगने के दौरान सरकार कोई भी नहीं घोषणा नहीं कर सकती है। ऐसी योजनाएं लागू नहीं की जा सकती, जिनसे चुनावी प्रक्रिया प्रभावित होती हो। परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन नहीं किया जा सकता है। सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है। कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। अत्याधिक अनिवार्यता होने पर निर्वाचन आयोग से सलाह लेकर कुछ किया जा सकता है।
अब सरकारें उपरोक्त सभी काम-काज प्रारंभ कर सकेंगी। मध्य प्रदेश की बात करें तो एक हफ्ते के भीतर सबसे पहले अधिकारियों, कर्मचारियों के ट्रासंफर, पोस्टिंग का काम होगा। इसके लिए पहले ही संकेत मिल मिल गए थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने कार्यकाल के बचे साढ़े चार साल विकास कार्यों को गति देने पर काम करेंगे। इसके लिए वह प्रदेश में अब अपनी टीम की तैनाती करेंगे। बड़े स्तर पर मंत्रालय से लेकर जिलों तक अधिकारियों को इधर-उधर किया जाएगा। इसके लिए उनके काम को आधार बनाया जाएगा।
मैदान में बेहतर परफार्मेंस और तेजतर्रार अधिकारियों को नेतृत्व सौंपा जाएगा। वहीं, खराब और कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को फील्ड से हटाया जाएगा। इसको लेकर मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के बीच मंथन पहले ही शुरू हो चुका है। इसके साथ ही अवैध कॉलोनियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई। सीएम हेल्पलाइन शुरू होना और मेयर की जनसुनवाई जैसे काम शुरू हो जाएंगे।