नैनीताल और मसूरी से आगे बढ़ें: इन जंगलों में गूंजती है 700 से ज्यादा परिंदों की आवाज़, मिलता है रूह को सुकून

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हम अक्सर पहाड़ों पर घूमने जाते हैं सिर्फ़ ठंडी हवा और बर्फ देखने के लिए, लेकिन क्या आपने कभी वहाँ के जंगलों में बजने वाले कुदरती संगीत पर गौर किया है? उत्तराखंड सिर्फ़ अपनी वादियों और धामों के लिए ही नहीं, बल्कि अपने 'हवाई मेहमानों' यानी पक्षियों के लिए भी बेहद खास है। यहाँ की सुबह अलार्म की ट्यून से नहीं, बल्कि पहाड़ी पक्षियों की मीठी चहचहाहट से होती है।

अगर आप नेचर लवर हैं या फोटोग्राफी का शौक रखते हैं, तो यकीन मानिए, उत्तराखंड के जंगल आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं हैं। यहाँ छोटे-छोटे गांवों से लेकर बड़े नेशनल पार्कों तक, करीब 700 से भी ज्यादा तरह के पक्षी आपका स्वागत करते हैं। चलिए, आज आपको सैर कराते हैं उत्तराखंड की उन चुनिंदा जगहों की, जहाँ जाकर आपको एक अलग ही सुकून मिलेगा।

1. जिम कॉर्बेट: सिर्फ़ बाघों का घर नहीं
आमतौर पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम आते ही दिमाग में शेर और बाघ की तस्वीर बनती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पार्क पक्षी प्रेमियों का भी फेवरेट है? रामगंगा नदी का किनारा और यहाँ के साल के जंगल करीब 550 प्रजाति के पक्षियों का बसेरा हैं। अगर आप किस्मत वाले हुए तो यहाँ 'पल्लास फिश ईगल' को नदी में शिकार करते या विशाल 'ग्रेट हॉर्नबिल' को उड़ान भरते देख सकते हैं। सर्दियों में तो यह जगह एक ओपन एयर थिएटर जैसी लगती है।

2. किलबरी (पंगोट): पक्षियों का छुपा हुआ स्वर्ग
अगर आप नैनीताल जा रहे हैं, तो वहां की भीड़भाड़ से थोड़ा आगे 15 किलोमीटर दूर 'पंगोट' जरूर जाएं। यहाँ स्थित किलबरी बर्ड सेंक्चुरी ओक के घने जंगलों में छिपी एक शांत जगह है। यहाँ कई ऐसे लॉज बने हैं जहाँ आप छिपकर घंटों तक बिना हिले-डुले पक्षियों को निहार सकते हैं। हिमालयन ग्रिफॉन जैसे दुर्लभ पक्षी यहाँ आसानी से दिख जाते हैं। यहाँ की धुंध और सन्नाटा आपको एक अलग दुनिया में ले जाता है।

3. बिनसर: बादलों के करीब एक मुलाकात
कुमाऊं की पहाड़ियों में बसा 'बिनसर वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी' ऐसा लगता है जैसे आप बादलों के बीच आ गए हों। यहाँ के 'जीरो पॉइंट' से हिमालय का नज़ारा तो दिखता ही है, साथ ही रोडोडेंड्रोन के पेड़ों पर चहकती रंग-बिरंगी 'सनबर्ड' मन मोह लेती है। यहाँ करीब 200 प्रजातियों के पक्षी हैं। अगर आपको शांति चाहिए और भीड़ से दूर रहना है, तो बिनसर बेस्ट है।

4. नैना देवी रिज़र्व: सुकून भरी सैर
यह जगह उन लोगों के लिए एकदम सही है जो ट्रैकिंग में ज्यादा थकना नहीं चाहते। नैनीताल के आसपास का यह शांत जंगल आसान रास्तों वाला है। यहाँ चलते-चलते आपको पहाड़ों पर मिलने वाला लकड़हारा पक्षी (Woodpecker) या 'लाफिंग थ्रश' देखने को मिल जाएंगे। यह जगह आपको कुदरत के बेहद करीब महसूस कराती है।

5. राजाजी नेशनल पार्क: जहाँ प्रवासी पक्षी रुकते हैं
शिवालिक की पहाड़ियों और गंगा नदी के किनारे फैला यह पार्क सर्दियों में विदेशी पक्षियों का हब बन जाता है। यह एक माइग्रेशन कॉरिडोर है, यानी पक्षियों का आने-जाने का रास्ता। यहाँ किंगफिशर और हॉर्नबिल जैसे पक्षियों को उड़ते देखना आंखों को सुकून देता है। यह देहरादून और हरिद्वार के काफी करीब है, तो पहुंचना भी आसान है।

6. केदारनाथ वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी: ऊंचाइयों का रोमांच
यह जगह उन लोगों के लिए है जिन्हें थोड़ा एडवेंचर पसंद है। ऊंचे हिमालयी इलाकों में फैली इस सैंक्चुअरी में पहुंचना थोड़ा मेहनत वाला काम है, लेकिन यहाँ का नज़ारा सारी थकान मिटा देता है। यहाँ आपको हिमालय के वो दुर्लभ पक्षी मिलेंगे जो निचली जगहों पर नहीं दिखते, जैसे कि रंगीन 'मोनाल' या कोक्लास तीतर।

7. आसन बैराज: विदेशी मेहमानों का अड्डा
देहरादून के पास बना आसन बैराज, जिसे उत्तराखंड की पहली 'रामसर साइट' भी कहा जाता है, सर्दियों में गुलज़ार हो जाता है। यहाँ पानी में तैरती लाल सिर वाली बत्तखें (Red-crested Pochard) और हज़ारों विदेशी प्रवासी पक्षी देखने को मिलते हैं। अगर आप सर्दियों में दून जा रहे हैं, तो यहाँ अपनी दूरबीन ले जाना न भूलें।

तो अगली बार जब बैग पैक करें, तो एक अच्छी दूरबीन साथ रखना न भूलें। उत्तराखंड के ये पंख वाले दोस्त आपका इंतज़ार कर रहे हैं!

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