पेट का कैंसर दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का चौथा प्रमुख कारण है। इसकी पहचान अक्सर देर से होती है, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब एक नई उम्मीद जगी है. हाल के शोध में, वैज्ञानिकों ने पाया है कि पेट के कैंसर का केवल एक साधारण मौखिक कुल्ला से जल्दी पता लगाया जा सकता है।
यह शोध अमेरिका में होने वाले डाइजेस्टिव डिजीज वीक कॉन्फ्रेंस में पेश किया जाएगा. इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 98 लोगों के मौखिक बैक्टीरिया के नमूनों का विश्लेषण किया। इनमें से 30 लोगों को पेट का कैंसर था, 30 लोग कैंसर से पहले की अवस्था में थे और 38 लोग स्वस्थ थे।
अध्ययन का निष्कर्ष:
अध्ययन में पाया गया कि पेट के कैंसर और प्री-कैंसर से पीड़ित लोगों के मौखिक बैक्टीरिया और स्वस्थ लोगों के मौखिक बैक्टीरिया में स्पष्ट अंतर था। इतना ही नहीं, कैंसर और प्री-कैंसर के मामलों में भी मुंह के बैक्टीरिया में बहुत कम अंतर पाया गया। इससे पता चलता है कि जैसे ही पेट में बदलाव शुरू होते हैं, मुंह के बैक्टीरिया में भी बदलाव आने लगते हैं।
विशेषज्ञ की राय:
अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता डॉ. पेराती का कहना है कि हमारे शोध से पता चलता है कि मुंह और पेट में बैक्टीरिया आपस में जुड़े हुए हैं। मुंह में मौजूद बैक्टीरिया से हम पेट के वातावरण का अंदाजा लगा सकते हैं। इससे भविष्य में ऐसे परीक्षण विकसित किये जा सकेंगे जो पेट के कैंसर का आसानी से पता लगाने में सहायक होंगे।
अधिक शोध की आवश्यकता है:
यह शोध अभी शुरुआती चरण में है और इसे और व्यापक अध्ययन से गुजरना होगा। लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि ये एक अहम खोज है. यदि भविष्य में केवल माउथवॉश पानी का उपयोग करके पेट के कैंसर का पता लगाया जा सकता है, तो यह कैंसर की शीघ्र पहचान और उपचार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।