एनएसआई और एडवांटा सीड्स के मध्य हुआ एमओयू

कानपुर, 25 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) कानपुर और एडवांटा सीड्स हैदराबाद के बीच गुरुवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ। इससे भारत सरकार के एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल अभियान को गति मिल सकेगी। यह एमओयू भविष्य के लिए एक स्थायी जैव ईंधन की दिशा में विकल्प के रुप में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

एमओयू के मुताबिक राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर और एडवांटा सीड्स हैदराबाद विविध अनाजों से अल्कोहल बनाने के लिए विकल्प के रुप में स्वीट सोरगम और ग्रेन सोरगम के प्रयोग पर सहयोगात्मक अध्ययन करेंगे।

इस कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर के फॉर्म में स्वीट सोरगम का उत्पादन करना और इसके विभिन्न भौतिक, रासायनिक मापदंडों का अध्ययन करना तथा स्वीट सोरगम और ग्रेन सोरगम के रस से जैव एथेनॉल उत्पादन की क्षमता का अध्ययन करना शामिल होगा। इस सहयोगात्मक अनुसंधान में ग्रेन सोरगम का बीयर उत्पादन की क्षमता के लिए भी अध्ययन किया जाएगा। यह एमओयू भविष्य के लिए एक स्थायी जैव ईंधन की दिशा में विकल्प के रूप में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत सरकार के एक अभियान एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के तहत देश में पेट्रोल में एथेनॉल के 20 प्रतिशत मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बचाने एवं पेट्रोल के आयात में कमी लाने के लिये भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके तहत लक्ष्य की प्राप्ति पर सरकार काफी जोर दे रही है। यह समझौता ज्ञापन राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक प्रो. डी. स्वाईन, जैव रसायन विभाग प्रमुख प्रो. सीमा परोहा और एडवांटा सीड्स हैदराबाद के तकनीकी सलाहकार डॉ.विलास टोनापी के हस्ताक्षर हुआ।