सर्वेक्षण के अनुसार, अधिकांश भारतीय परिवार शीतल पेय पी रहे हैं, फैब्रिक सॉफ्टनर 4 में से 1 घर तक पहुंचता

भारत में शीतल पेय की खपत: औसत भारतीय परिवारों के बीच बोतलबंद शीतल पेय की खपत पिछले दो वर्षों में बढ़ी है और पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है। कांतार एफएमसीजी पल्स की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, गर्मी बढ़ने के साथ यह प्रवृत्ति बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो साल में एक औसत घर में बोतलबंद शीतल पेय की खपत 250 मिलीलीटर बढ़ गई है। इसके अलावा ‘फैब्रिक सॉफ्टनर’ अब देश के हर चार में से एक घर तक पहुंच चुका है। इसे अभी भी एक प्रीमियम वाशिंग उत्पाद माना जाता है।

पहले जैसी बड़ी खरीदारी नहीं हो रही है

इसके अतिरिक्त, अग्रणी एफएमसीजी कंपनियों का एक और प्रीमियम वाशिंग उत्पाद – वाशिंग लिक्विड – वित्त वर्ष 2023-24 में एक लाख टन का आंकड़ा पार कर गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता अब साल में 156 बार या हर 56 घंटे में एक बार ऑनलाइन या ऑफलाइन चैनलों के माध्यम से एफएमसीजी उत्पाद खरीदते हैं। हालाँकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि औसत खरीद मूल्य में गिरावट आई है, क्योंकि उपभोक्ता अब पहले की तरह बड़ी खरीदारी नहीं कर रहे हैं।

तरल पदार्थ और बोतलबंद कोल्ड ड्रिंक धोने जैसे उत्पादों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन किराने का सामान अभी भी घरेलू खर्च का सबसे बड़ा हिस्सा है। यह सभी तिमाही खर्चों का 24 प्रतिशत से अधिक है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हालांकि मुद्रास्फीति धीमी हुई है, लेकिन इसका उपभोक्ता पर कोई असर नहीं पड़ा है।