Mokshada Ekadashi 2025 : सिर्फ विष्णु जी नहीं, इस दिन श्रीमद्भागवत गीता की पूजा करने से चमकती है किस्मत
News India Live, Digital Desk : Mokshada Ekadashi 2025 : साल भर में कुल 24 एकादशियां आती हैं, और हर एकादशी का अपना महत्त्व होता है। लेकिन मार्गशीर्ष (अगहन) महीने की शुक्ल पक्ष वाली एकादशी सबसे अलग है। इसे 'मोक्षदा एकादशी' (Mokshada Ekadashi) कहते हैं।
मोक्षदा नाम से ही साफ है "मोक्ष देने वाली"। अगर आपके मन में किसी पुरानी गलती का बोझ है या आप जीवन की भागदौड़ से थककर थोड़ी आध्यात्मिक शांति चाहते हैं, तो यह व्रत आपके लिए है। साल 2025 में यह पावन दिन 1 दिसंबर (सोमवार) को पड़ रहा है।
आइए, बहुत आसान शब्दों में जानते हैं कि इस दिन का क्या महत्त्व है और आपको क्या करना चाहिए।
क्यों सबसे खास है यह एकादशी? (Significance)
यह दिन इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि हजारों साल पहले इसी दिन, कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता (Geeta Updesh) का ज्ञान दिया था। इसीलिए, इस दिन गीता जयंती (Geeta Jayanti) भी मनाई जाती है।
मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से न केवल इंसान के पाप धुलते हैं, बल्कि उसके पूर्वजों (Pitra) को भी नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिलती है।
शुभ मुहूर्त (Date and Time)
हिन्दू पंचांग के अनुसार:
- एकादशी तिथि की शुरुआत: 30 नवंबर 2025 को सुबह करीब 10:15 बजे होगी।
- समाप्ति: 1 दिसंबर 2025 को सुबह 08:40 बजे तक रहेगी।
- चूंकि सूर्योदय के समय (उदया तिथि) एकादशी 1 दिसंबर को है, इसलिए व्रत 1 दिसंबर, सोमवार को ही रखा जाएगा।
इस बार का 'महासंयोग' (Special Sanyog)
इस साल मोक्षदा एकादशी पर कई शुभ योग बन रहे हैं। दिन की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में होगी। ज्योतिष में माना जाता है कि इन योगों में की गई पूजा और दान कभी खाली नहीं जाता। इसका फल कई गुना बढ़कर मिलता है।
पूजा कैसे करें? (Puja Vidhi)
आपको बहुत ज्यादा ताम-झाम करने की ज़रूरत नहीं है। बस सच्चे मन से ये आसान काम करें:
- विष्णु और कृष्ण पूजा: सुबह नहाकर पीले कपड़े पहनें। भगवान विष्णु या बाल गोपाल को तुलसी, पीला फूल और फल चढ़ाएं।
- गीता का पाठ: यह सबसे ज़रूरी है। अगर आपके घर में 'श्रीमद्भागवत गीता' रखी है, तो उसकी धूल साफ करें, उस पर फूल चढ़ाएं और कम से कम एक अध्याय ज़रूर पढ़ें।
- दीपक जलाएं: शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें।
व्रत नहीं रख सकते तो क्या करें?
आजकल की व्यस्त लाइफस्टाइल में अगर आप बिना खाए व्रत नहीं रख सकते, तो कोई बात नहीं। आप 'सात्विक' रह सकते हैं।
- इस दिन चावल बिल्कुल न खाएं।
- लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन से दूर रहें।
- किसी की बुराई न करें और हो सके तो किसी ज़रूरतमंद को गर्म कपड़े या अन्न दान करें।
यह दिन सिर्फ भूखे रहने का नहीं, बल्कि अपने मन को साफ़ करने का है। मोक्षदा एकादशी पर भगवान से अपने और अपने परिवार की खुशहाली की प्रार्थना ज़रूर करें।
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