Mokshada Ekadashi 2025 : सिर्फ एक मोरपंख आपकी सोई किस्मत जगा सकता है, जानिए कैसे

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News India Live, Digital Desk : हम भारतीय त्योहारों और वार-त्योहारों तो पूरी हो रही है, लेकिन फल नहीं मिल रहा। पैसा हाथ में आता तो है, लेकिन पानी की तरह बह जाता है। में खूब विश्वास रखते हैं, है न? और बात जब 'मोक्षदा एकादशी' की हो, तो इसका या फिर घर में बिना वजह की कलह और बेचैनी बनी रहती है। अगर आप भी ऐसे दौर से गुजर रहे हैं, तो साल 2025 की 'मोक्षदा एकादशी' आपके लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई है।

मोक्षदा एकादशी, जिसे हम गीता जयंती के रूप में भी मनाते हैं, भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित महत्व अपने आप दोगुना हो जाता है। यह वही दिन है जिसे हम गीता जयंती के रूप में भी मनाते हैं। कहते हैं इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा सच्चे दिल से कर ली जाए, तो वो अपने भक्तों की झोली खाली नहीं रखते।

लेकिन आज हम सिर्फ पूजा-पाठ की बात नहीं करेंगे, आज बात होगी उन छोटे-छोटे उपायों की, जो हमारी सबसे खास दिनों में से एक है। और हम सब जानते हैं कि हमारे कान्हा को सबसे ज्यादा क्या पसंद है? जी रोजमर्रा की परेशानियों को खत्म कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में मोर पंख को बहुत ताकतवर माना गया है। तो हाँ, 'मोरपंख'। ज्योतिष और वास्तु शास्त्र मानता है कि मोरपंख में वो शक्ति है चलिए जानते हैं कि इस मोक्षदा एकादशी पर भगवान कृष्ण का सबसे प्रिय 'मोर पंख' कैसे आपकी बिग जो घर की नेगेटिविटी को सोख सकती है और ग्रहों की बुरी चाल को बदल सकती है।

आज हम आपको मोरड़ी बात बना सकता है।

1. अगर जेब हमेशा खाली रहती है (आर्थिक तंगी के लिए)
बहुतपंख से जुड़े कुछ ऐसे ही बेहद सरल और असरदार उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें इस एकादशी पर करके से लोगों की शिकायत होती है कि 'कमाते तो हैं, लेकिन पैसा टिकता नहीं'। अगर आपके साथ भी ऐसा है, आप अपने जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

 अगर धन की कमी ने परेशान कर रखा है तो इस एकादशी एक आसान सा उपाय करें। पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण को एक सुंदर सा मोर पंख अर्पित करें। पूजा
महंगाई के इस दौर में आर्थिक तंगी किसी को भी तोड़ सकती है। अगर आपको लगता है कि मां लक्ष्मी आप खत्म होने के बाद, इस मोर पंख को उठाएं और अपनी तिजोरी, लॉकर या उस जगह रख दें जहां आप पैसे पर मेहरबान नहीं हो रही हैं, तो इस एकादशी एक काम करें। पूजा के समय भगवान श्रीकृष्ण को एक या जेवर रखते हैं। माना जाता है कि मोर पंख की सकारात्मक ऊर्जा फिजूलखर्ची को रोकती है और घर सुंदर सा मोरपंख अर्पित करें। पूजा के बाद उस मोरपंख को उठाकर अपनी तिजोरी, लॉकर या उस में बरकत लाती है।

 घर में 'कलह' का माहौल है?
अक्सर देखा स्थान पर रख दें जहां आप अपने पैसे और जेवर रखते हैं।
माना जाता है कि मोरपंख धन को आकर्षित जाता है कि घर का मेन गेट अगर सही दिशा में न हो या वहां कोई वास्तु दोष हो, तो घर के सदस्यों में बिना बात करता है। इसे धन के स्थान पर रखने से बरकत बनी रहती है और फिजूलखर्ची रुक जाती है।

के चिड़चिड़ापन रहता है। इस मोक्षदा एकादशी पर, अपने घर के मुख्य दरवाजे पर तीन2. घर में क्लेश और नेगेटिविटी है?**
क्या आपके घर में घुसते ही भारीपन महसूस होता है मोर पंख लगाएं। आप इसे सजावट के तौर पर भी लगा सकते हैं। बुजुर्ग कहते हैं कि मोर पंख में? या परिवार के सदस्यों में छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन रहता है? यह 'वास्तु दोष इतनी पॉजिटिविटी होती है कि यह बाहर की नेगेटिव हवा को घर के अंदर आने ही नहीं देता। घर का माहौल अपने' या नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है।
मोक्षदा एकादशी के दिन आप बाजार से कुछ मोरपंख ले आप शांत होने लगेगा।

3. पति-पत्नी के रिश्ते में खटास?
अगर बेडरूम में आए आएं और उन्हें अपने घर के मुख्य दरवाजे (Main Entrance) या ड्राइंग रूम में ऐसी जगह लगाएं जहां आते-जाते सबकी दिन छोटी-छोटी बातों पर तू-तू, मैं-मैं होती है, तो संभल जाएं। कई बार ग्रहों नजर पड़े। मोरपंख न केवल सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि यह एक 'नजर सुरक्षा कवच' का काम करता है, की दशा या कमरे का वास्तु इसका कारण होता है। एक छोटा सा काम करें—अपने बेडरूम में, ऐसी जो बुरी ऊर्जा को घर के बाहर ही रोक देता है।

राहु-केतु और ग्रहों की जगह जहां सीधे नजर पड़े या बेड के सिहाने के पास दो मोर पंख सजाकर रख दें। कृष्ण-रा शांति के लिए
कई बार हमारे काम इसलिए बिगड़ते हैं क्योंकि हमारी कुंडली में ग्रहों की दशा ठीक नहीं होती,धा का यह प्रतीक प्रेम बढ़ाने वाला माना जाता है। इससे रिश्ते में जमी कड़वाहट धीरे-धीरे मिठास में बदलने खास तौर पर राहु। मोरपंख को कालसर्प दोष और राहु के बुरे प्रभाव को कम करने वाला लगती है।

 जब कुंडली के ग्रह भारी पड़ने लगें
अगर आपको लगता है कि आपकी तर माना गया है।
उपाय बहुत आसान है—इस एकादशी की रात को सोते समय अपने तकिये के नीचे एकक्की को किसी की नजर लग गई है या राहु-केतु जैसे ग्रह परेशान कर रहे हैं, तो मोर पंख को मोरपंख रखें। ऐसा करने से डरावने सपने आने बंद होते हैं, मन को शांति मिलती है और ग्रहों अपने पास रखना शुरू करें। बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं तो उनकी किताबों में मोर पंख रख दें। अगर आप किसी जरूरी का अशुभ प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है।

 बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा?
अगर काम से बाहर जा रहे हैं, तो एक छोटा मोर पंख अपनी जेब या पर्स में रख लें। यह एक तरह के आपके बच्चे का मन पढ़ाई से उचट गया है या एकाग्रता (Concentration) की कमी है, तो 'सुरक्षा कवच' का काम करता है और बनते कामों में आ रही रुकावटों को हटाता है।

उनकी किताबों के बीच में मोक्षदा एकादशी के दिन एक मोरपंख रख दें। कहते हैं कि इससे सरस्वती योगसारांश:
देखिए, उपाय अपनी जगह हैं और कर्म अपनी जगह। लेकिन जब हम आस्था के साथ किसी विशेष दिन (जैसे मोक्षदा एकादशी) पर कोई काम करते हैं, तो हमारा मन मजबूत होता है। मोर पंख श्रीकृष्ण बनता है और बुद्धि तेज होती है।

ध्यान रखने वाली बात:
ये उपाय आस्था और विश्वास पर आधारित हैं। जब भी आप मोरपंख का कोई उपाय करें, तो मन में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति पूरा समर्पण रखें। याद रखें, को अति प्रिय है, इसलिए इसे घर में लाने से कन्हैया की कृपा अपने आप साथ चली आती है। इस मोरपंख कभी भी टूटा-फूटा नहीं होना चाहिए, वह साफ़ और सुंदर हो।

इस मो बार एकादशी पर ये छोटे बदलाव करके देखें, हो सकता है यही वो चाबी हो जिसकी आपको तलाश थी।

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