सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) का विजन देश की अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से मुक्त करना है। इसके लिए उन्होंने कई विशाल परियोजनाओं की शुरुआत की है, जिन पर भारी-भरकम खर्च हो रहा है। लेकिन यह महत्वाकांक्षी योजना सऊदी अरब पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ा रही है।
2024 में सऊदी अरब उभरते बाजारों में सबसे बड़े बॉन्ड जारी करने वाले देशों में से एक था। अब 2025 में भी इस प्रक्रिया को जारी रखते हुए, सऊदी सरकार ने बांड बेचने की पहली प्रक्रिया शुरू कर दी है।
2024 में रिकॉर्ड बॉन्ड बिक्री
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब ने 2024 में 17 अरब डॉलर के अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड बेचे।
- यह उभरते बाजारों में रोमानिया के बाद दूसरा स्थान था।
- सभी बॉन्ड अमेरिकी डॉलर में जारी किए गए थे।
2025 में, सऊदी अरब अपनी फंडिंग रणनीति में विविधता लाने के लिए अन्य मुद्राओं पर भी विचार कर सकता है।
- नेशनल डेट मैनेजमेंट सेंटर (NDMC) के अनुसार, 2025 में सऊदी अरब की वित्तीय आवश्यकताएं 139 अरब रियाल (37 अरब डॉलर) रहने का अनुमान है।
नए कर्ज का विकल्प भी खुला
महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सऊदी सरकार अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड बेचने के अलावा नया कर्ज लेने की योजना भी बना रही है।
- सऊदी अरब को 3 बैंकों से 2.5 अरब डॉलर की 3 साल की रिवॉल्विंग क्रेडिट सुविधा प्राप्त हुई है।
- ये बैंक हैं:
- अबू धाबी इस्लामिक बैंक
- क्रेडिट एग्रीकोल एसए
- दुबई इस्लामिक बैंक
विजन 2030 और बढ़ता खर्च
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 के तहत, सऊदी अरब हर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है।
- प्रमुख परियोजनाएं:
- नए शहरों का निर्माण (जैसे NEOM)।
- खेलों और सेमीकंडक्टर उद्योगों में निवेश।
- सैकड़ों अरब डॉलर की लागत से आधुनिक ढांचे का विकास।
कर्ज और फंडिंग की चुनौती
तेल पर निर्भरता घटाने के लिए चल रही इन परियोजनाओं के लिए सऊदी सरकार को भारी निवेश की जरूरत है।
- 2024 में रिकॉर्ड फंडिंग:
- सऊदी ने 17 अरब डॉलर के बॉन्ड बेचे।
- 2025 में फंडिंग के लिए अन्य मुद्राओं को भी शामिल करने की संभावना है।
- कर्ज की बढ़ती जरूरतें:
- सऊदी अरब को परियोजनाओं के लिए विदेशी और घरेलू स्रोतों से कर्ज लेना पड़ रहा है।
क्या है सऊदी सरकार की योजना?
सऊदी अरब तेल पर निर्भरता घटाने के लिए नई फंडिंग रणनीतियों को अपना रहा है।
- अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड जारी करना।
- अन्य मुद्राओं में फंडिंग के विकल्प तलाशना।
- निजी निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय बैंकों से कर्ज लेना।
सऊदी की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण
- प्लस पॉइंट्स:
- महत्वाकांक्षी परियोजनाएं सऊदी को आधुनिक और विविध अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में ले जा रही हैं।
- वैश्विक निवेशकों का सऊदी अर्थव्यवस्था पर भरोसा।
- चुनौतियां:
- बढ़ते कर्ज से आर्थिक दबाव।
- परियोजनाओं की सफलता पर अनिश्चितता।
- तेल राजस्व में कमी का असर।