मोहब्बत नामा नहीं थोपा गया: शहबाज शरीफ ने मोदी को देर से ‘बधाई’ देने पर सफाई दी

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने देर से ही सही लेकिन आखिरकार नरेंद्र मोदी को तीसरी जीत की बधाई दे ही दी. लेकिन इसके तुरंत बाद पाकिस्तान अपने पुराने ‘रंग’ में लौट आया. इन बधाईयों को लेकर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि वह इस बधाई को ‘प्यार की प्रस्तावना’ नहीं मानते, बल्कि उन्होंने सिर्फ कूटनीतिक शिष्टाचार के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है. यह उनकी मजबूरी थी.

ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान के न्यूज चैनल के कार्यक्रम ‘कैपिटल-टॉक’ में बोलते हुए कहा, ”यह संदेश एक औपचारिक संदेश है. कूटनीतिक मजबूरी है. इसमें जहर घोलते हुए उन्होंने कहा, “पाकिस्तान यह कभी नहीं भूलेगा कि नरेंद्र मोदी भारत में मुसलमानों के हत्यारे हैं।” उनकी पूरी राजनीतिक रणनीति मुस्लिम विरोधी रही है. जब शाहबाज शरीफ आये (प्रधानमंत्री बने) तो उन्होंने मुबारकबादी दी. इसलिए (मोदी को) बधाई दी गई है।”

इस कार्यक्रम में इमरान खान की पार्टी पीटीआई के नेता गौहर खान ने भी मोदी को दी गई बढ़ोतरी की आलोचना की और कहा कि हमें अनुच्छेद 370 को लेकर भारत के साथ विवाद करना होगा. भारत के मुसलमानों ने इस चुनाव में मोदी को “ख़ारिज” कर दिया है. भाजपा से एक भी मुस्लिम को (मंत्रिमंडल में) शामिल नहीं किया गया है.

उधर, पाकिस्तान-मुस्लिम-लीग (नवाज) के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नरेंद्र मोदी को खुले मन से बधाई दी. उन्होंने पोस्ट में लिखा, ”मोदी जी को तीसरी बार सत्ता संभालने के लिए मेरी शुभकामनाएं. चुनाव में हमारी पार्टी की सफलता दिख रही है. आपके नेतृत्व में जनता का विश्वास शाश्वत है। आइए हम नफरत को आशा में बदलें और दक्षिण एशिया में दो अरब लोगों के भविष्य को आकार देने के इस अवसर का लाभ उठाएं।”