Mirzapur : डिप्टी सीएम के कार्यक्रम के नाम पर गलत एस्टीमेट 3 इंजीनियर निलंबित मचा हड़कंप
News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर योगी सरकार की सख्ती लगातार जारी है। इसी कड़ी में प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहाँ लोक निर्माण विभाग PWD के तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है। इन अधिकारियों पर न केवल काम में लापरवाही बल्कि गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के भी आरोप लगे हैं, जिसमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम के नाम पर एक गलत एस्टीमेट अनुमान बनाने का मामला भी शामिल है। इस कार्रवाई के बाद से पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
जानकारी के अनुसार, जिन अधिकारियों पर गाज गिरी है, उनमें लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता राकेश सिंह, सहायक अभियंता विनीत राय और जूनियर इंजीनियर रवि शंकर के नाम शामिल हैं। इन तीनों को तीन मुख्य आरोपों के तहत निलंबित किया गया है।
पहला और सबसे गंभीर आरोप है डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के मंडलीय कार्यक्रय के दौरान सड़क निर्माण के लिए 'गलत और उच्च अनुमानित' एस्टीमेट बनाना। ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारियों ने इस अवसर का दुरुपयोग कर सरकार के पैसों का अनुचित ढंग से उपयोग करने की कोशिश की।
दूसरा आरोप अधिकारियों की 'अव्यवस्था' और काम के प्रति लापरवाही से संबंधित है। उनके खंड में परियोजनाओं को सही तरीके से मैनेज नहीं किया जा रहा था, जिसके कारण कार्यों में अनावश्यक देरी और गुणवत्ता संबंधी समस्याएं सामने आ रही थीं।
तीसरा आरोप एक और महत्वपूर्ण सड़क परियोजना में गलत तरीके से 'ओवर एस्टीमेट' बनाने से जुड़ा है। यह आरोप गंभीर वित्तीय धांधली की ओर इशारा करता है, जहाँ वास्तविक लागत से कहीं अधिक अनुमान लगाकर फंड की हेराफेरी की कोशिश की जा रही थी। यह मामला डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के संज्ञान में आने के बाद तत्काल कार्रवाई की गई है, जिससे सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का पता चलता है। इन इंजीनियरों के खिलाफ जांच बैठा दी गई है और अन्य अनियमितताओं की भी गहन जांच की जा रही है। यह कार्रवाई प्रदेश में पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प को दर्शाती है।
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