Ministry of Health : ट्रांसजेंडर बच्चों को मिला हक ,अब सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को भी मिलेगा CGHS का लाभ

Post

News India Live, Digital Desk: Ministry of Health : भारत सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की दिशा में एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि अब केंद्रीय कर्मचारियों के आश्रिट ट्रांसजेंडर बच्चे और भाई-बहन भी केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत मिलने वाली सभी मेडिकल सुविधाओं के हकदार होंगे.

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एक ऑफिस मेमोरेंडम में यह साफ़ किया गया है कि अब CGHS के नियमों में ट्रांसजेंडर को भी शामिल किया गया है. यह फैसला ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत लिया गया है, जो उन्हें सम्मान और समानता के साथ जीने का अधिकार देता है.

क्या बदलेगा इस फैसले से?

अब तक, CGHS के नियमों में 'बेटा', 'बेटी', 'भाई' और 'बहन' जैसे शब्द ही थे. लेकिन अब इन नियमों को और समावेशी बनाते हुए, इनमें 'ट्रांसजेंडर' शब्द को भी जोड़ दिया गया है.

इसका मतलब यह है कि अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी का कोई आश्रिट बच्चा या भाई-बहन ट्रांसजेंडर है, तो उसे भी बाकी परिवार वालों की तरह ही सभी मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी. इसमें शामिल हैं:

  • CGHS से जुड़े अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा.
  • मुफ्त दवाइयां और टेस्ट.
  • सरकार द्वारा तय की गईं सभी प्रकार की मेडिकल केयर.

यह फैसला सिर्फ एक सरकारी नियम में बदलाव नहीं है, बल्कि यह समाज की सोच में एक बड़े बदलाव का प्रतीक है. यह कदम ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्य धारा में लाने और उन्हें वह सम्मान और अधिकार देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा, जिसके वे हकदार हैं.

क्या है CGHS?

केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) केंद्र सरकार के कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए एक कॉम्प्रिहेंसिव स्वास्थ्य बीमा योजना है. इस योजना के तहत, कर्मचारियों और पेंशनरों को बहुत ही मामूली कीमत पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं.

सरकार के इस कदम की हर तरफ सराहना हो रही है. यह दिखाता है कि सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के अपने वादे को लेकर कितनी गंभीर है और समाज के हर वर्ग को समानता का अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है.

--Advertisement--