शिंदे-अजीत समेत मंत्री मनमर्जी से स्टाफ की नियुक्ति नहीं कर सकते

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मुंबई: राज्य की फड़नवीस सरकार ने मंत्रियों को विभाग आवंटित कर दिए हैं, लेकिन ये मंत्री अपने निजी सचिवों, पीए और विशेष कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) और अन्य कर्मचारियों को अपनी इच्छा के अनुसार नियुक्त नहीं कर सकते हैं। प्रदेश में हाल ही में मंत्रालयिक विभागों के आवंटन के बाद अब उनके स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसने निजी सचिवों, पीए और सीईओ की नियुक्ति के लिए विशेष नियम लागू किए हैं। उन्हें इन नामों की मंजूरी मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के कार्यालय से लेनी होगी और तभी उनकी नियुक्ति संभव हो सकेगी। पता चला है कि यह नियम दोनों उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजित पवार पर भी लागू होगा. 

मुख्यमंत्री द्वारा लागू की गई इस प्रक्रिया के तहत बीजेपी के साथ-साथ शिवसेना और एनसीपी के मंत्रियों को भी अपने स्टाफ की नियुक्ति के लिए अनुमति लेनी होगी. इससे यह सुनिश्चित होगा कि ये नियुक्तियाँ पारदर्शी और विवाद-मुक्त हों। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री कार्यालय के इस कदम का उद्देश्य विवादास्पद अधिकारियों की नियुक्ति को रोकना और मंत्रालय में कुशल प्रशासन सुनिश्चित करना है।

गौरतलब है कि यही प्रक्रिया पहली बार 2014 में लागू की गई थी जब देवेंद्र फड़णवीस पहली बार मुख्यमंत्री बने थे. जब उस समय भाजपा और शिवसेना (अविभाजित) की गठबंधन सरकार थी तो मंत्रियों के स्टाफ की नियुक्ति के लिए भी यही तरीका अपनाया गया था। अब फिर से इसे लागू किया गया है ताकि सरकार में अनुशासन और विश्वसनीयता बनी रहे.