गुवाहाटी, 08 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 11 मार्च को नई दिल्ली में देश के विभिन्न राज्यों की आत्मनिर्भर लखपति बाइदेओ के साथ बातचीत करेंगे। इस कार्यक्रम में असम की 20 लखपति बाइदेओ भाग लेंगी। राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रंजीत कुमार दास ने आज असम की इन ‘लखापति बाइदेओ’ को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।
मंत्री दास ने आज गुवाहाटी के पांजाबारी स्थित असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यालय के बैठक कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नई दिल्ली जा रही राज्य के विभिन्न विकास क्षेत्रों की 20 आत्मनिर्भर लखपति बाइदेओ से बात की। मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों से जाना कि कैसे ‘लखपति बाइदेओ’ विभिन्न उत्पादक और आय सृजन गतिविधियों के माध्यम से अपनी आय के स्रोत बढ़ाकर आत्मनिर्भर बन गए हैं।
उन्होंने कहा कि असम में एसएचजी के उत्पादन और आय में वृद्धि राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अच्छा संकेत है। यह बताते हुए कि देश में एक करोड़ से अधिक महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं और लखपति बाइदेओ बन रही हैं, मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आने वाले वर्ष में 2 करोड़ और महिलाओं को ‘लखपति बाइदेओ’ बनाने के लिए कदम उठाए हैं। असम के स्वयं सहायता समूह के 8 लाख से अधिक सदस्यों के लखपति होने का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अन्य 10 लाख महिलाओं को ‘लखपति बाइदेओ’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री ने राज्य में लागू होने वाले मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता मिशन का भी उल्लेख किया।
मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विस्तार से यह भी जायजा लिया कि कैसे असम की ‘लखपति बाईदेओ’, जो 11 मार्च को प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में रहेंगी, अपने उत्पाद कैसे बेच रहे थे या बैंकों, वित्तीय संस्थानों आदि से मदद ले रहे थे। प्रत्येक ‘लखपति बाईदेओ’ अपनी आय और कमाई और सफलता के तरीकों की जानकारी दी।
नई दिल्ली पहुंचकर आगामी 11 मार्च को प्रधानमंत्री के साथ चर्चा में हिस्सा लेने वाली असम की लखपति बाइदेओ किस तरह से स्वयं के उत्पादित सामग्री की बिक्री किया या बैंक, वित्तीय प्रतिष्ठान आदि से किस प्रकार से सहायता या सुविधा लिया, इसको लेकर भी मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए विस्तार से जानकारी ली।
उल्लेखनीय है कि ये लखपति बाइदेओ कृषि कार्य, मुर्गी-बत्तख पालन, सब्जियां, डेयरी, मत्स्य उत्पादन, केचुआ खाद तैयार करना, हथकरघा उत्पाद, आभूषण, गामोछा और वस्त्र, नर्सरी, बिस्कुट, पिठा-लारू, अचार, टेराकोटा, बांस-बेंत उत्पाद, सौंदर्यीकरण उत्पाद, बागवानी आदि से संबंधित उत्पादन और कमाई के कार्य के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में सक्षम होने का मार्ग प्रस्सत होने की बात वीडियो कांफ्रेंस के जरिए महिलाओं ने मंत्री का बताए।
ज्ञात हो कि इन आत्मनिर्भर ‘लखपति बाइदेओ’ की सालाना आय एक लाख से 10 लाख रुपये से अधिक है। लखपति बाइदेओं ने मंत्री को बताया कि आत्मनिर्भर बनने के अलावा कुछ लोग खुद को स्थापित करने और दूसरों को प्रशिक्षित करने में भी सक्षम हुए हैं। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ बातचीत से लखपति बाइदेओ के साथ-साथ राज्य के स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों को नए उत्साह के साथ उत्पादन और आय उन्मुख गतिविधियों में संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री के साथ संवाद में भाग लेने वाली असम की ‘लखापति बाइदेओ’ कल्पना बर्मन, अंजना बर्मन, मुन्मी सोनोवाल, जोस्ना पाल, सुनैना कर, सुलिका गोगोई, तुलिका गोगोई स्वर्गीयारी, बिन्दिया नार्जारी और सोमाइना ब्रह्म, बबी बोरा, चंदना सैकिया कलिता, काजली कुर्मी, कोनिका तालुकदार, रेणु महंत, तनुमाया सोनार विश्वकर्मा, बनिमा ब्रह्म, पदुमी कारदंग, अमृत माधुरी देवी, रीना बरुवा, अनुपमा ठाकुरिया और कुइन चालिहा डेका शामिल हैं।
आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लखपति बाइदेओ के साथ बातचीत के दौरान, मंत्री दास के साथ असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के राज्य निदेशक मसंदा पार्टीन भी मौजूद थे।