ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने भारतीय क्रिकेट के युवा ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी की मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के लिए जमकर सराहना की है। क्लार्क का मानना है कि रेड्डी को अब तक “कम आंका गया” है और उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजा जाना चाहिए।
रेड्डी का शानदार प्रदर्शन
21 वर्षीय नितीश रेड्डी ने बॉक्सिंग डे टेस्ट में अपने प्रदर्शन से भारतीय टीम को मुश्किल स्थिति से उबारा।
- महत्वपूर्ण शतक:
- भारत का स्कोर जब 191/6 था, तब रेड्डी ने 114 रन (189 गेंद) की महत्वपूर्ण पारी खेली।
- इस पारी ने भारत को फॉलोऑन से बचाने और सम्मानजनक स्थिति में पहुंचाने में मदद की।
- गेंदबाजी में चुनौती:
हालांकि, रेड्डी की गेंदबाजी अब तक उतनी प्रभावशाली नहीं रही है, लेकिन उन्होंने बल्ले से अपना दमखम दिखाया।
क्लार्क का बयान: रेड्डी को बताया “जीनियस”
माइकल क्लार्क ने बियोंड 23 क्रिकेट पॉडकास्ट में रेड्डी की तारीफ करते हुए कहा:
- “रेड्डी एक अद्भुत प्रतिभा हैं। आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। मुझे लगता है कि उन्हें छठे या सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करनी चाहिए।”
- “वह 21 साल के हैं और पूरे सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे हैं। यह अविश्वसनीय है।”
रेड्डी की बल्लेबाजी शैली की तारीफ
क्लार्क ने रेड्डी की तकनीक और मानसिकता की सराहना की:
- धैर्य और संयम:
- जब टीम को जरूरत थी, रेड्डी ने धैर्य के साथ बल्लेबाजी की।
- उन्होंने टेलएंडर्स के साथ साझेदारी करते हुए अपनी मंशा और आत्मविश्वास दिखाया।
- ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का सामना:
- क्लार्क ने कहा:
“उन्हें किसी भी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज से डर नहीं लगा। जब भी उन्हें धैर्य रखने की जरूरत पड़ी, उन्होंने वह दिखाया।”
- क्लार्क ने कहा:
बल्लेबाजी क्रम में प्रमोशन की सिफारिश
क्लार्क ने सुझाव दिया कि भारतीय टीम को रेड्डी को छठे नंबर पर बल्लेबाजी का मौका देना चाहिए।
- “उनकी बल्लेबाजी का स्तर ऊंचा है और वह ऊपरी क्रम पर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। भारत के लिए अंतिम टेस्ट मैच में यह एक बेहतरीन विकल्प होगा।”
आखिरी टेस्ट: भारत के लिए निर्णायक मुकाबला
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आखिरी टेस्ट 3 जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा।
- यह मैच सीरीज का सबसे महत्वपूर्ण मुकाबला है।
- भारत को सीरीज बचाने के लिए जीत की जरूरत है, जबकि ऑस्ट्रेलिया इसे ड्रॉ या जीतकर ट्रॉफी पर कब्जा कर सकता है।