मौसम विभाग ने देश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि की आशंका जताई

पहाड़ी राज्यों के साथ-साथ देश के मैदानी इलाकों में भी मौसम बदलने लगा है। मौसम के लिहाज से अगले 72 घंटे बेहद अहम हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से ताजा अपडेट जारी किया गया है. मौसम वैज्ञानिकों ने 16 मार्च से 18 मार्च तक देश के विभिन्न हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है. कुछ इलाकों में ओलावृष्टि की भी संभावना है.
आईएमडी मुद्दा वर्षा तूफान

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आईएमडी का कहना है कि निकट भविष्य में पूर्वी और मध्य भारत में मौसम की स्थिति गंभीर हो सकती है। आपको बता दें कि रबर की फसल पूर्वी और मध्य भारत में तैयार हो रही है. फसल पक चुकी है और कटाई का काम चल रहा है. ऐसे में अगर बारिश या ओलावृष्टि होती है तो किसानों को भारी नुकसान हो सकता है. उत्तर और पूर्वी भारत में सर्दी का मौसम कम हो रहा है. ऐसे में देश के इन हिस्सों में गुलाबी ठंड महसूस की जा रही है. पिछले कुछ हफ्तों से मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। कभी-कभी तेज़ धूप और कभी-कभी सामान्य से अधिक तेज़ हवाओं के साथ हल्की बारिश दर्ज की गई है। तेज हवाओं के साथ-साथ कुछ इलाकों में भारी बारिश और ओलावृष्टि भी हुई है. मौसम में बदलाव के बीच आईएमडी ने ताजा पूर्वानुमान जारी किया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले 72 घंटे बेहद अहम होने वाले हैं. यहां बता दें कि मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है. सर्दी-खांसी के साथ-साथ बुखार के मामले भी बढ़ गए हैं।
 
मौसम विभाग की ओर से 16 मार्च से 18 मार्च 2024 तक का मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस अवधि के दौरान पूर्वी और मध्य भारत में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पश्चिम बंगाल से लेकर झारखंड, उड़ीसा और बिहार का पूर्वी हिस्सा प्रभावित हो सकता है. पिछले कुछ हफ्तों के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई है। कुछ राज्यों में भारी ओलावृष्टि भी हुई है, जिससे भारी नुकसान हुआ है. आईएमडी ने एक बार फिर ओलावृष्टि की संभावना जताई है. मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि 16 मार्च 2024 को गंगा पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्थानों पर बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है. इससे पहले भी देश के पूर्वी और मध्य तथा उत्तरी हिस्सों में भारी बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि भी हुई है। इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। खेतों में खड़ी गेहूं के साथ-साथ दलहन और तिलहन की फसल भी बुरी तरह प्रभावित हुई है. आम की फसल को भी नुकसान होने की आशंका है.