मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले भारत में धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 7 मामले दर्ज किए गए हैं। ये मामले तीन राज्यों—कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से सामने आए हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन मामलों से कोविड जैसी स्थिति पैदा नहीं होगी।
HMPV: अब तक क्या पता चला है?
- पहला मामला:
- यह वायरस 2001 में नीदरलैंड्स में पहली बार पाया गया था।
- भारत में स्थिति:
- देश में अब तक 7 मामले सामने आए हैं।
- कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में मरीजों की पुष्टि हुई है।
HMPV मरीज कहां मिले?
स्थान | मरीज |
---|---|
बेंगलुरु | 2 (3 साल की बच्ची और 8 महीने का बच्चा) |
नागपुर | 2 (7 साल और 13 साल के बच्चे) |
अहमदाबाद | 1 (2 साल का बच्चा) |
तमिलनाडु | 2 (चेन्नई और सेलम) |
- बेंगलुरु:
- ICMR ने बाप्टिस्ट हॉस्पिटल में दो मामलों की पुष्टि की।
- 3 साल की बच्ची और 8 महीने का बच्चा, दोनों अब स्वस्थ हैं।
- नागपुर:
- दोनों बच्चों को AIIMS में दोबारा जांच के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।
- अहमदाबाद:
- राजस्थान के डूंगरपुर से लाया गया 2 साल का बच्चा।
- तमिलनाडु:
- स्वास्थ्य सचिव सुप्रिया साहू ने 2 सक्रिय मामलों की पुष्टि की।
केंद्र सरकार का बयान: घबराने की जरूरत नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा:
- HMPV कोई नया वायरस नहीं है।
- देश में सामान्य श्वसन वायरस के मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
- सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां स्थिति पर कड़ी नजर रख रही हैं।
सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों की तैयारी
- ICMR और NCDC:
- देश में श्वसन वायरस पर नजर रख रहे हैं।
- WHO:
- इस स्थिति का संज्ञान लिया है और जल्द ही रिपोर्ट साझा करेगा।
- संयुक्त निगरानी बैठक:
- 4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने स्थिति की समीक्षा की।
चीन और अन्य देशों की स्थिति पर नजर
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि चीन और अन्य पड़ोसी देशों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
- डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट का इंतजार है।
सरकार का संदेश
- देश की स्वास्थ्य प्रणाली सतर्क है।
- किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तैयारी है।
- “चिंता की कोई बात नहीं है, स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।”