किसान संगठनों की एकता के लिए बैठक, केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने की तैयारी

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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं ने सोमवार को पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे दो प्रमुख किसान संगठनों के साथ बैठक की। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार पर एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर दबाव बनाना और एकजुट आंदोलन की रणनीति तैयार करना था। किसान नेताओं ने कहा कि उनकी सफलता के लिए एकता और जनता का समर्थन बेहद महत्वपूर्ण हैं। अगली बैठक 18 जनवरी को प्रस्तावित है, जिसमें आंदोलन की आगे की योजना तय की जाएगी।

डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर ध्यान

डेढ़ महीने से अधिक समय से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को देखते हुए बैठक की तारीख 15 जनवरी से बदलकर 13 जनवरी कर दी गई। डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब के खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।

सभी संगठनों का बैठक में प्रतिनिधित्व

पटियाला के पतरान में आयोजित इस बैठक में एसकेएम के जोगिंदर सिंह उगराहां, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, रमिंदर पटियाला, और युद्धवीर सिंह जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए। इसके अलावा, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेताओं ने भी भाग लिया।

एकजुटता पर बल

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई का मुख्य उद्देश्य केंद्र की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाना है। उन्होंने कहा कि किसानों के दुश्मन और मुद्दे समान हैं, इसलिए सभी संगठनों को आपसी मतभेद भुलाकर मिलकर संघर्ष करना चाहिए।

संयुक्त रणनीति की दिशा में आगे बढ़ने की पहल

केंद्र सरकार की कृषि विपणन नीति के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए किसानों ने मसौदा नीति की प्रतियां जलाईं। इसके साथ ही, आंदोलन को मजबूत करने के लिए एसकेएम ने एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के साथ एकता बढ़ाने का प्रयास किया है।

अगली बैठक की तैयारी

18 जनवरी को प्रस्तावित अगली बैठक में आंदोलन की विस्तृत योजना और किसानों की मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।

किसान संगठनों की यह पहल उनकी मांगों को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से उठाने और संघर्ष को प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।