नीम की पत्तियों के फायदों के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या आप उत्तराखंड के “पहाड़ी नीम” के गुणों से परिचित हैं? इसे कुमाऊं क्षेत्र में तिमुर और गढ़वाल में टिमरू के नाम से जाना जाता है। यह रूटेसी परिवार का हिस्सा है, और इसका वैज्ञानिक नाम ज़ेंथोज़ाइलम अरमेटम है। पहाड़ी नीम के पत्ते, टहनी, छाल, और बीज स्वास्थ्य समस्याओं के लिए औषधि के रूप में उपयोग किए जाते हैं। इसके औषधीय गुण इसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद बनाते हैं। आइए जानते हैं पहाड़ी नीम के कुछ प्रमुख फायदे।
पहाड़ी नीम (टिमरू) के सेहतमंद फायदे
1. हाई बीपी को नियंत्रित करे
पहाड़ी नीम में मौजूद पोटैशियम की अधिकता हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है। नियमित रूप से इसका सेवन हाई बीपी के मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है।
2. पायरिया का समाधान
- टिमरू के बीजों का पाउडर पायरिया जैसी दांतों की समस्या को ठीक करने में कारगर है।
- इस पाउडर से दांतों की सफाई या टिमरू के तने से दातुन करने से दांतों का दर्द, सूजन, और बदबू दूर होती है।
3. दांतों को कीड़ों से बचाए
- टिमरू का तना एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है।
- यह दांतों को मजबूत बनाकर कीड़ों से बचाव करता है।
- इसके बीजों का पाउडर माउथ फ्रेशनर की तरह भी काम करता है।
4. पेट के कीड़ों को खत्म करे
टिमरू के बीज मसाले के रूप में उपयोगी होते हैं और पेट के कीड़ों को मारने में मदद करते हैं।
- टिमरू की जड़ को पानी में उबालकर, छानकर पीने से पेट के कीड़ों से राहत मिलती है।
5. चोट और घाव भरने में सहायक
टिमरू के पत्तों में मौजूद तत्व एंटीसेप्टिक की तरह काम करते हैं।
- चोट या घाव पर इसकी पत्तियों का लेप लगाने से घाव जल्दी भरता है और निशान नहीं रहता।
सावधानियां और सलाह
- पहाड़ी नीम औषधीय गुणों से भरपूर है, लेकिन इसे डाइट में शामिल करने से पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- अधिक मात्रा में इसका उपयोग हानिकारक हो सकता है।