मेडिकल छात्रों को मिलेगी वीक ऑफ, ड्यूटी के घंटे कम और छुट्टियां… जल्द लागू हो सकता है आदेश

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मेडिकल छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए गठित टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को सौंप दी है। रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल छात्रों पर अवसाद, चिंता और तनाव का बहुत बुरा असर पड़ रहा है। टास्क फोर्स ने इनसे निपटने के लिए कई बड़ी सिफारिशें की हैं।

क्या कहा गया है इन सुझावों में-

  • एक साप्ताहिक अवकाश
  • पांच दिन तक 10 घंटे की ड्यूटी
  • परिवार से मिलने के लिए 10 दिन की छुट्टी
  • पूरक परीक्षाओं की बहाली

मेडिकल छात्रों के लिए टास्क फोर्स की महत्वपूर्ण सिफारिशें

  • ड्यूटी घंटे प्रति सप्ताह 74 घंटे से अधिक नहीं होने चाहिए।
  • एक दिन 24 घंटे की शिफ्ट तथा पांच दिन 10 घंटे की शिफ्ट होनी चाहिए।
  • छात्रावास सुविधाओं में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
  • समस्याओं के समाधान के लिए ई-शिकायत पोर्टल शुरू किया जाना चाहिए।
  • प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में परामर्श सेवा होनी चाहिए।

अध्ययन में कहा गया है कि भारत में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए बहुत कठिन प्रतियोगी परीक्षा (NEET) पास करनी होती है। उसके बाद अच्छा डॉक्टर बनना, परिवार की अपेक्षाओं का बोझ, हॉस्टल, परीक्षा, रैगिंग का डर जैसे मुद्दे छात्रों पर हावी हो जाते हैं।

नेशनल मेडिकल कमीशन टास्क फोर्स द्वारा दी गई सिफारिशों पर विचार करेगा। उसके बाद एनएमसी द्वारा कुछ बड़े फैसले लिए जाने की उम्मीद की जा सकती है। अगर टास्क फोर्स की सिफारिशें लागू होती हैं तो एमबीबीएस, बीडीएस, एमडी, एमएस जैसे कोर्स करने वाले मेडिकल छात्रों के लिए यह बड़ी राहत होगी। इस संबंध में एनएमसी के किसी भी फैसले की जानकारी आपको आयोग की आधिकारिक वेबसाइट nmc.org पर उपलब्ध करा दी जाएगी।