US Medical Courses OPT: अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के पास पढ़ाई पूरी करने के बाद ‘वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण’ (OPT) का विकल्प होता है. OPT की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि विदेशी छात्रों को पढ़ाई पूरी करते ही ट्रेनिंग मिल जाए और बेहतरीन छात्रों को यहां रोजगार मिल सके. पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वाले विदेशी छात्रों को एक साल तक काम करने का मौका दिया जाता है. विदेशी छात्रों को अमेरिकी कंपनियों में नौकरी के साथ वर्क वीजा भी मिलता है. हालांकि अगर किसी छात्र ने साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) के क्षेत्र में पढ़ाई की है तो उसे OPT के तहत एक साल तक काम करने का विकल्प मिलता है. इसके साथ ही उसे दो साल का एक्सटेंशन भी मिलता है. इस तरह OPT के जरिए छात्र तीन साल तक अमेरिका में काम कर पाते हैं. लेकिन यहां दिक्कत यह है कि OPT नियमों में मेडिकल छात्रों को एक्सटेंशन न देने का प्रावधान है. अब धीरे-धीरे मेडिकल छात्रों को एक्सटेंशन देने की मांग भी उठने लगी है.
STEM-OPT में MD और DO अध्ययनों को शामिल करने की मांग
गैर-लाभकारी सार्वजनिक नीति संगठन निस्केनन सेंटर ने मांग की है कि मेडिकल स्नातकों को भी STEM-OPT कार्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। अमेरिका में संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान निस्केनन सेंटर की इमिग्रेशन रिसर्च एनालिस्ट सेसिलिया एस्टरलाइन ने एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) और डीओ (डॉक्टर ऑफ ऑस्टियोपैथिक मेडिसिन) कोर्स करने वाले छात्रों को STEM-OPT का दर्जा देने की वकालत की है, ताकि उन्हें भी दो साल का एक्सटेंशन मिल सके।
भारतीय मेडिकल छात्रों को STEM-OPT से क्या लाभ होगा?
अगर अमेरिकी अधिकारी निसकनेन सेंटर की मांग को स्वीकार कर लेते हैं तो भारत के मेडिकल छात्रों को इसका फायदा मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी कई छात्र भारत में मेडिकल कोर्स में एडमिशन न मिलने पर विदेश में पढ़ाई करने चले जाते हैं। हालांकि, अगर अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई के बाद तीन साल तक काम करने का विकल्प दिया जाए तो बड़ी संख्या में भारतीय छात्र यहां का रुख कर सकते हैं। अमेरिका में डॉक्टरों की सैलरी भी काफी ज्यादा है, जिससे यह मेडिकल की पढ़ाई का हब बन जाएगा।
मेडिकल पाठ्यक्रमों में STEM-OPT से कितने छात्र लाभान्वित होंगे?
2022 में करीब 400 विदेशी छात्रों ने एमडी और डीओ कोर्स में एडमिशन लिया, जिन्हें STEM-OPT का लाभ मिल सकता है। ये देश की टॉप मेडिकल प्रतिभाएं भी हैं। इतने कम एडमिशन की वजह यह है कि अमेरिका में सिर्फ 50 मेडिकल कॉलेज ही ऐसे हैं जो विदेशी छात्रों को एडमिशन देते हैं। इसमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, जॉन हॉपकिंस मेडिकल स्कूल जैसे टॉप संस्थान शामिल हैं। हालांकि STEM-OPT के बाद यह संख्या बढ़ने वाली है, जिसमें भारतीय छात्र भी शामिल हो सकते हैं।
अमेरिका में डॉक्टरों की स्थिति क्या है?
एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन मेडिकल कॉलेज के मुताबिक 2036 तक अमेरिका को 86 हजार डॉक्टरों की कमी का सामना करना पड़ेगा। फिलहाल अमेरिका में ज्यादातर डॉक्टर अप्रवासी हैं। 2021 के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में डॉक्टरों की संख्या 9.87 लाख है, जिसमें से 26.5 फीसदी यानी 2.62 लाख अप्रवासी हैं। अमेरिका में भारतीय डॉक्टरों की संख्या दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा है। अमेरिका में 59 हजार भारतीय डॉक्टर हैं, जो कुल अप्रवासी डॉक्टरों की संख्या का 22 फीसदी है।