महापौर की याचिका पर दो सप्ताह बाद होगी हाईकोर्ट में सुनवाई

2f7283f03707baa224cfca2345d21661 (1)

जयपुर, 21 सितंबर (हि.स.)। रिश्वत लेने के मामले में हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर पर भ्रष्टाचार निराेधक ब्यूराे में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर अब दाे सप्ताह बाद सुनवाई होगी। मुनेश की तरफ से कोर्ट में बहस के लिए समय मांगा गया है। मुनेश के वकील दीपक चौहान ने हाईकोर्ट में कहा कि मामले में एसीबी ने चालान पेश कर दिया है। हमने इससे संबंधित दस्तावेज हाईकोर्ट में पेश किए हैं। ऐसे में हमें बहस के लिए समय दिया जाए। चालान पेश होने के बाद मुनेश पर निलंबन की तलवार लटकी हुई है। एसीबी ने 19 सितंबर को मुनेश गुर्जर के खिलाफ चालान पेश किया था।

याचिका पेश कर मुनेश के अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया था कि मामले में एसीबी प्रार्थिया (मुनेश गुर्जर) से कोई भी डिमांड साबित करने में विफल रही है। एसीबी ने यह भी नहीं बताया कि प्रार्थिया ने शिकायतकर्ता से कैसे डिमांड की और एसीबी ने उसका सत्यापन कैसे किया। प्रार्थिया से कोई भी रिकवरी नहीं हुई।

एफआईआर में मेयर की भूमिका होने के संबंध में कोई सबूत भी नहीं हैं। ऐसे में एसीबी की एफआईआर पीसी एक्ट के तहत जरूरी दो शर्तों डिमांड व रिकवरी को ही सत्यापित नहीं करती है। इसलिए 6 अगस्त 2023 को दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए। याचिका में राज्य सरकार व शिकायतकर्ता व सुधांशु सिंह को पक्षकार बनाया गया है। इस पर आगामी दिनों में सुनवाई होगी। याचिका में कहा गया कि पुलिस ने इस संबंध में पूर्व में दर्ज किए गए मामले में भी मेयर के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं पाए थे, यदि साक्ष्य होते तो उसी समय कार्रवाई हो जाती। प्रार्थिया को इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और उसका इससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर कोई संबंध नहीं है। यह एफआईआर उसके खिलाफ दुर्भावना के चलते दर्ज करवाई है। शिकायतकर्ता ने केवल उसके पति पर ही आरोप लगाए हैं।