‘नए साल का जश्न मनाने वाले मुसलमान गैर-इस्लामी हैं’, मौलाना बरेलवी का फतवा

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नए साल के जश्न पर फतवा: नया साल 2025 आने में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं और लोग इसका जश्न मनाने की तैयारी में जुट गए हैं। इन सबके बीच आज ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने रविवार को नया साल मनाने पर फतवा जारी कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘मुसलमानों के लिए नए साल का जश्न मनाना गैरकानूनी है.’ रज़वी के मुताबिक, यह फतवा चश्मे दरफ्ता बरेली की ओर से जारी किया गया है।

नए साल पर फतवे का ऐलान

मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा, ‘हमने नए साल को लेकर फतवा जारी किया है कि युवक-युवतियों का नए साल का जश्न मनाना उचित नहीं है. फतवे में कहा गया है कि नए साल का जश्न या बधाई नहीं देनी चाहिए.’

‘जो कोई भी नया साल मनाता है वह गैर-इस्लामिक है’

मौलाना ने कहा, ‘नया साल मनाना ईसाइयों का धार्मिक कार्य है और कोई भी गैर-धार्मिक त्योहार मनाना मुसलमानों के सख्त खिलाफ है. मुसलमानों के लिए नये साल का जश्न मनाना गैरकानूनी है और खासकर मुस्लिम युवक-युवतियों को नये साल का जश्न नहीं मनाना चाहिए. अगर कोई नया साल मनाता है तो यह गैर-इस्लामिक है और जो भी मुसलमान नया साल मनाएगा वह शरीयत के खिलाफ होगा।’

 

इस बीच, बरेलवी ने इस खबर का विरोध किया कि लेखक सलमान रुश्दी की किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ देश में प्रतिबंधित होने के तीन दशक बाद बिक्री के लिए उपलब्ध है और कहा कि ‘प्रतिबंध जारी रहना चाहिए।’