मौड़ मंडी ब्लास्ट केस: 2017 मौड़ मंडी ब्लास्ट मामले में सरकार ने हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर कहा कि तीन भगोड़े आरोपियों गुरतेज सिंह, अमरीक सिंह और अवतार सिंह की संपत्ति जब्त कर ली गई है. एक आरोपी की संपत्ति नीलाम करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई खरीदार सामने नहीं आया.
इसके अलावा दोनों आरोपियों की संपत्ति जल्द ही नीलाम की जाएगी. बठिंडा के एसएसपी दीपक पारीक ने रिपोर्ट में कहा कि तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. अब हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए याचिकाकर्ता को अपना पक्ष रखने को कहा है.
अब सुनवाई 20 अगस्त को तय की गई है. हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि घटना के 7 साल बाद भी पंजाब पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है.
पंजाब पुलिस की एसआईटी ने अपनी जांच के बाद अमरीक सिंह (52), गुरतेज सिंह (51) और अवतार सिंह (47) को इस घटना का ‘मुख्य साजिशकर्ता’ घोषित किया.
इसके बाद साल 2018 में तलवंडी साबो की अदालत ने इन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया.
पुलिस के मुताबिक, अमरीक सिंह डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के ‘महत्वपूर्ण’ अनुयायियों में से एक है और वह कथित तौर पर डेरा प्रमुख की सुरक्षा की निगरानी करता था.
अमरीक सिंह हरियाणा के सिरसा के रहने वाले हैं।
पुलिस ने अपनी शुरुआती जांच में यह भी खुलासा किया था कि यह शख्स कैंप में इलेक्ट्रीशियन के तौर पर काम करता था और कैंप के ‘महत्वपूर्ण’ लोगों में से एक था.
इसी मामले में पुलिस ने जिस गुरतेज सिंह को नामजद किया है, वह हरियाणा राज्य के डबवाली क्षेत्र का रहने वाला है.
एसआईटी ने अपनी जांच में खुलासा किया था कि यह शख्स डेरा सच्चा सौदा की कार्यशाला का कर्ता-धर्ता था.
जांच में कहा गया है कि जिस मारुति कार को चुनावी रैली स्थल पर प्रेशर कुकर का उपयोग करके विस्फोट किया गया था, उसका निर्माण कथित तौर पर कैंप की कार्यशाला में किया गया था।
उनका तीसरा कथित साथी पंजाब के संगरूर जिले का रहने वाला अवतार सिंह है।
पुलिस के मुताबिक, धमाके की साजिश रचने के वक्त यह शख्स अमरीक सिंह और गुरतेज सिंह का ‘खासम-खास’ था।