Matsyasana Benefits : पेट की चर्बी गलानी हो या अस्थमा में चाहिए राहत, ये मछली वाला आसन है कमाल का
News India Live, Digital Desk: Matsyasana Benefits : भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम अक्सर अपने शरीर को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। नतीजा? बढ़ता वज़न, झुके हुए कंधे, गर्दन में दर्द और साँस लेने में तकलीफ़ जैसी आम समस्याएँ। अगर आप भी इन दिक्कतों से परेशान हैं और किसी आसान से समाधान की तलाश में हैं, तो योग आपकी मदद कर सकता है।
आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारी योगासन के बारे में बताएँगे, जिसे मत्स्यासन या 'फ़िश पोज़' (Fish Pose) कहते हैं। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, इस आसन में शरीर का आकार मछली जैसा बन जाता है। यह न सिर्फ़ करने में आसान है, बल्कि इसके फ़ायदे इतने हैं कि आप जानकर हैरान रह जाएँगे।
क्यों है मत्स्यासन इतना ख़ास?
मत्स्यासन एक ऐसा आसन है जो आपके शरीर के ऊपरी हिस्से पर कमाल का असर दिखाता है। आइए जानते हैं इसके कुछ ज़बरदस्त फ़ायदों के बारे में:
- पेट की चर्बी कम करे: अगर आप पेट और कमर के आसपास जमा चर्बी से परेशान हैं, तो यह आसन आपके लिए है। इसे करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे चर्बी कम करने में मदद मिलती है।
- अस्थमा में राहत: यह आसन छाती को फैलाता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है, जिससे साँस लेने से जुड़ी तकलीफ़ों में आराम मिलता है। यह अस्थमा के रोगियों के लिए विशेष रूप से फ़ायदेमंद माना जाता है।
- बेहतर पोस्चर और मज़बूत पीठ: दिनभर कुर्सी पर बैठकर काम करने से अक्सर हमारी पीठ झुक जाती है। मत्स्यासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और पीठ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों को मज़बूती देता है, जिससे आपके बैठने-उठने का तरीक़ा सुधरता है।
- थायरॉइड के लिए फ़ायदेमंद: इस आसन के अभ्यास से गले के हिस्से में खिंचाव आता है, जो थायरॉइड और पैराथायरॉइड ग्रंथियों के लिए अच्छा होता है।
- तनाव और थकान मिटाए: मत्स्यासन गर्दन और कंधों की मांसपेशियों के तनाव को दूर करता है, जिससे आप काफ़ी हल्का और तनावमुक्त महसूस करते हैं।
- महिलाओं के लिए उपयोगी: यह आसन महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं में भी राहत पहुँचाने में मददगार हो सकता है।
कैसे करें मत्स्यासन? (सरल विधि)
अगर आप योग में नए हैं, तो भी इस आसन को आसानी से कर सकते हैं।
- सबसे पहले पीठ के बल ज़मीन पर लेट जाएँ, दोनों पैर साथ में रखें और हाथों को शरीर के बगल में सीधा रखें।
- अब अपने हाथों को कूल्हों के नीचे ले जाएँ, हथेलियाँ ज़मीन की तरफ़ रहेंगी।
- लंबी साँस लेते हुए, अपनी छाती और सिर को ऊपर की ओर उठाएँ। आपकी पीठ में एक हल्का सा मोड़ आएगा।
- अब धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएँ और सिर के ऊपरी हिस्से को ज़मीन पर टिकाने की कोशिश करें। शरीर का वज़न कोहनियों पर रहेगा, सिर पर नहीं।
- पैरों को सीधा रखें या आप पद्मासन की मुद्रा भी बना सकते हैं।
- इस स्थिति में रहते हुए सामान्य रूप से साँस लेते रहें और जितनी देर आराम से रह सकें, उतनी देर रहें।
- वापस आने के लिए, पहले सिर को सीधा करें और फिर धीरे-धीरे अपनी छाती और पीठ को वापस ज़मीन पर ले आएँ।
कुछ ज़रूरी सावधानियाँ
वैसे तो यह आसन बहुत सुरक्षित है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:
- अगर आपको हाई या लो ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो इसे करने से बचें।
- माइग्रेन या अनिद्रा से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- अगर गर्दन, घुटनों या कमर में कोई गंभीर चोट या दर्द है, तो इस आसन का अभ्यास न करें या किसी योग गुरु की देखरेख में ही करें।
अपनी दिनचर्या में मत्स्यासन को शामिल करें और कुछ ही हफ़्तों में आप अपने शरीर में एक सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे।
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