Mata Annapurna Jayanti : इस खास खीर का भोग लगाते ही भर जाएंगे भंडार, नोट कर लें विधि

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News India Live, Digital Desk : दिसंबर का महीना चल रहा है और कुछ ही दिनों में साल की एक बहुत ही पवित्र तिथि आने वाली है अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti 2025)। हमारे भारतीय घरों में अक्सर कहा जाता है, "जिस घर की रसोई खुश रहती है, उस घर के लोग कभी दुखी नहीं होते।" यह दिन उसी 'रसोई' और 'भोजन' के सम्मान का दिन है।

इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन (जो 4 या 5 दिसंबर के आसपास होगी) यह जयंती मनाई जाएगी। आइये, बहुत ही आसान शब्दों में समझते हैं कि इस दिन आपको क्या करना चाहिए ताकि आपके घर के भंडार हमेशा भरे रहें।

क्यों खास है यह दिन?

पुरानी कथाओं के अनुसार, एक बार पृथ्वी पर अन्न की भारी कमी हो गई थी। चारों तरफ हाहाकार मच गया था। तब माता पार्वती ने 'अन्नपूर्णा' का रूप धारण किया था और खुद भगवान शिव ने उनसे भिक्षा मांगकर सृष्टि का पेट भरा था। यह दिन हमें सिखाता है कि अन्न ही जीवन है और इसका अपमान करना साक्षात् ईश्वर का अपमान है।

माता को क्या भोग लगाएं? (Mata Annapurna Bhog)

अक्सर लोगों का सवाल होता है कि माता को खुश करने के लिए क्या चढ़ाना चाहिए? जवाब बहुत सीधा है—सादगी। माता अन्नपूर्णा को पकवानों का ढेर नहीं, बल्कि चावल की खीर (Rice Kheer) सबसे ज्यादा प्रिय है।

सफेद रंग की चीज़ें जैसे चावल और दूध, माता को बहुत पसंद हैं। इस दिन आप सुबह नहा-धोकर अपनी रसोई को अच्छे से साफ़ करें। फिर बहुत ही प्रेम से चावल और दूध की खीर बनाएं। याद रखें, इसमें इलायची और मखाने जरूर डालें। अगर खीर नहीं बना सकते, तो कम से कम सादे चावल का भोग तो ज़रूर लगाएं।

ये गलतियां भूलकर भी न करें

सिर्फ़ पूजा करने से काम नहीं चलेगा, आपको अपनी आदतें भी बदलनी होंगी। माता अन्नपूर्णा वहां कभी नहीं टिकतीं जहां अन्न की बर्बादी होती है।

  1. थाली में जूठन: आज के दौर में हम अक्सर थाली में खाना छोड़ देते हैं। अन्नपूर्णा जयंती के दिन संकल्प लें कि आप थाली में उतना ही लेंगे जितना खा सकें।
  2. रसोई की सफाई: रात को झूठे बर्तन सिंक में छोड़कर न सोएं। रसोई घर (Kitchen) को साफ़ रखने से घर में नेगेटिविटी नहीं आती।
  3. खाने की बुराई: कभी भी खाने में नमक-मिर्च को लेकर गुस्सा न करें। जैसा भी भोजन मिला है, उसे प्रसाद समझकर ग्रहण करें।

छोटा सा घरेलू उपाय

इस दिन पूजा करते समय रसोई में गैस चूल्हे (Stove) की भी पूजा ज़रूर करें। चूल्हे पर रोली से टीका लगाएं और थोड़ी सी खील या चावल अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में कभी राशन खत्म नहीं होता।

तो इस बार, अन्नपूर्णा जयंती को सिर्फ़ एक त्यौहार की तरह न मनाएं, बल्कि भोजन के प्रति अपनी कृतज्ञता (Gratitude) दिखाने का एक मौका समझें। जब आप भोजन का आदर करेंगे, तो माँ अन्नपूर्णा का आशीर्वाद अपने आप आपके परिवार पर बरसेगा।

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