व्हाइट हाउस ने सोमवार को घोषणा की कि उसने गलती से यमन युद्ध की योजना एक पत्रकार के साथ साझा कर दी थी।
ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों ने यमन में ईरान समर्थित हौथी समूह पर अमेरिका द्वारा हमला शुरू करने से कुछ समय पहले एक संदेश समूह में गलती से यमन में युद्ध की योजना की घोषणा कर दी थी। इस बार एक पत्रकार भी मौजूद था। इस खुलासे से व्हाइट हाउस के कुछ अधिकारियों के कामकाज पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। डेमोक्रेटिक सांसदों ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। डेमोक्रेटिक सांसदों ने इस तरह से महत्वपूर्ण जानकारी लीक किए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह से महत्वपूर्ण जानकारी लीक करना अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून का उल्लंघन है। संसद द्वारा जांच आवश्यक है। द अटलांटिक के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग ने कहा कि उन्हें अनजाने में 13 मार्च को सिग्नल मैसेजिंग ऐप पर आमंत्रण में शामिल कर दिया गया था।
हौथी समुदाय पर हमले से पहले योजना का खुलासा
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 15 मार्च को लाल सागर में हौथी चरमपंथी समूह पर बड़े पैमाने पर हमला करने के लिए एक सैन्य अभियान शुरू किया था, लेकिन योजना का खुलासा व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कुछ घंटे पहले ही पत्रकारों के सामने कर दिया था। ईरान को हौथियों का समर्थन न करने की चेतावनी दी गई। हमले से कुछ घंटे पहले, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने एक संदेश समूह में हमले की योजना जारी की, जिसमें हमले के लक्ष्य, अमेरिका द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले हथियार और हमलों के क्रम का विवरण दिया गया था। इससे सिग्नल चैट और कुछ अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई। अमेरिकी कानून के अनुसार, ऐसी महत्वपूर्ण और गोपनीय जानकारी लीक करना अपराध है।