कई राज्यों में गरीबों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की जाती हैं, जिनमें विवाह संबंधी योजनाएं भी शामिल हैं। ऐसी योजनाओं में शादी का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है और कुछ पैसे बेटी के खाते में भी जमा किए जाते हैं। ऐसी ही एक योजना उत्तर प्रदेश सरकार भी चला रही है, जिसकी हाल ही में काफी चर्चा हुई है. यह चर्चा तब उठी जब एक भाई-बहन की शादी का मामला सामने आया, जहां वे सिर्फ सरकारी फंड पाने के लिए शादी में शामिल हुए. आज हम इस योजना के फायदों के बारे में चर्चा करेंगे।
विवाह कैसे संपन्न होते हैं:
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जरूरतमंद/निराश्रित परिवारों को उनकी बेटियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना से विधवा/परित्यक्ता/तलाकशुदा महिलाओं को भी लाभ मिलता है। शादियाँ सभी धर्मों की मान्यताओं, रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार की जाती हैं। कई जोड़ों की एक साथ शादी कराई गई।
खाते में जमा होता है पैसा:
उत्तर प्रदेश सरकार की योजना के तहत शादी के लिए कुल 51,000 रुपये दिए जाते हैं। यही कारण है कि कई फर्जी मामले सामने आते रहते हैं, जहां लोग सिर्फ पैसे पाने के लिए शादी कर लेते हैं। इसमें से 35,000 रुपये दुल्हन के खाते में जमा किए जाते हैं, और 10,000 रुपये शादी के सामान, सामान आदि पर खर्च किए जाते हैं। शेष 6,000 रुपये शादी समारोह को भव्य बनाने पर खर्च किए जाते हैं।
योजना से किसे लाभ होता है?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए बेटी के माता-पिता का उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना जरूरी है। परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। दुल्हन की उम्र कम से कम 18 साल और दूल्हे की उम्र 21 साल होनी चाहिए। अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को अपने आवेदन के साथ जाति प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा।