Margashirsha Purnima 2025 : साल खत्म होने से पहले करें ये शुभ काम, तनाव होगा दूर और आएगी सुख शांति

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News India Live, Digital Desk : दिसंबर का महीना शुरू हो चुका है (आज 2 दिसंबर है) और हम साल 2025 को अलविदा कहने की तैयारी कर रहे हैं। हिन्दू धर्म में साल के इस समय को बहुत पवित्र माना जाता है, क्योंकि यह 'मार्गशीर्ष' का महीना है, जिसे स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप कहा गया है।

इस महीने की पूर्णिमा तिथि बहुत नज़दीक है (4 दिसंबर 2025)। यह दिन सिर्फ़ चाँद को देखने का नहीं, बल्कि अपने घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके सुख-समृद्धि बुलाने का है। मान्यता है कि इस दिन अगर आप सच्चे मन से घर में भगवान सत्यनारायण की कथा करते हैं, तो श्री हरि विष्णु की विशेष कृपा मिलती है।

आइये जानते हैं कि इसे आसान तरीके से घर पर कैसे किया जा सकता है और आपको किन-किन चीज़ों की ज़रूरत पड़ेगी।

घर पर 'सत्यनारायण कथा' क्यों करनी चाहिए?

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम अक्सर मन की शांति खो देते हैं। सत्यनारायण पूजा कोई बहुत बड़ा कर्मकांड नहीं है, बल्कि यह परिवार को एक साथ बैठाकर ईश्वर को धन्यवाद कहने का एक तरीका है।

बुजुर्ग कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान (जो विष्णु जी का ही रूप हैं) का व्रत और कथा सुनने से घर के क्लेश ख़त्म होते हैं। अगर आप कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं या घर में किसी की शादी की बात चल रही है, तो Margashirsha Purnima 2025 पर यह पाठ करना बेहद शुभ माना गया है।

पूजा के लिए ज़रूरी सामग्री (Samagri List for Satyanarayan Katha)

अक्सर लोग पूजा के नाम पर घबरा जाते हैं कि न जाने कितना सामान लाना पड़ेगा। लेकिन सत्यनारायण जी की पूजा बहुत ही सादगी से की जा सकती है। आपको बस इन ज़रूरी चीज़ों की लिस्ट तैयार कर लेनी चाहिए:

  1. प्रसाद: सबसे ज़रूरी है पंजीरी (आटे को भूनकर और चीनी मिलाकर बनता है) और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण)।
  2. फल-फूल: केले का फल और केले के पत्ते इस पूजा में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इसके अलावा पीले गेंदे के फूल और तुलसी के पत्ते (बिना तुलसी के विष्णु जी भोग स्वीकार नहीं करते)।
  3. कलश स्थापना: तांबे या मिट्टी का कलश और उसके ऊपर रखने के लिए नारियल।
  4. दीपक और धूप: गाय के घी का दीपक और अच्छी खुशबू वाली अगरबत्ती।
  5. अन्य सामग्री: रोली, मौली (रक्षा सूत्र), अक्षत (चावल), सुपारी, पान के पत्ते और थोड़ा सा गंगाजल।

कैसे करें पूजा?

आपको बहुत बड़े पंडित की ज़रूरत नहीं है, आप इसे खुद भी श्रद्धा से कर सकते हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ कपड़े पहनें। घर के मंदिर में एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान की तस्वीर रखें। कलश स्थापना करें और फिर परिवार के साथ बैठकर कथा पढ़ें या सुनें।

अंत में आरती करें और घर के हर कोने में शंख ज़रूर बजाएं। शंख की आवाज़ और आरती का धुआं घर की सारी नेगेटिविटी को बाहर निकाल देता है।

साल का सुखद समापन

साल 2025 जाने वाला है। क्यों न इस पूर्णिमा पर अपने और अपने परिवार के लिए कुछ वक़्त निकालें? यह सिर्फ़ एक पूजा नहीं है, बल्कि नए साल के स्वागत के लिए एक सकारात्मक शुरुआत है। भगवान सत्यनारायण की कृपा आप सभी पर बनी रहे!

 

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