Margashirsha Purnima 2025 date: साल की यह आखिरी पूर्णिमा दिला सकती है 32 गुना फल, जानें क्यों खास है आज का दिन

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Margashirsha Purnima 2025 date: आज यानी 4 दिसंबर 2025 को मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा है। हिंदू धर्म में यह दिन बहुत पावन माना जाता है क्योंकि खुद भगवान कृष्ण ने मार्गशीर्ष (अगहन) महीने को अपना स्वरूप बताया है। आमतौर पर हम पूर्णिमा को सत्यनारायण व्रत या गंगा स्नान के लिए जानते हैं, लेकिन आज की पूर्णिमा का एक बहुत ही अनोखा नाम है- 'बत्तीसी पूर्णिमा'।

क्या आपने कभी सोचा है कि इसे बत्तीसी (32) पूर्णिमा क्यों कहते हैं? और आज के दिन ऐसा क्या खास करें जिससे घर में बरकत बनी रहे? आइये आसान भाषा में समझते हैं।

इसे 'बत्तीसी पूर्णिमा' क्यों कहते हैं?

इस नाम के पीछे एक बहुत ही रोचक और लाभकारी गणित है। शास्त्रों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति आज के दिन से व्रत शुरू करके लगातार 32 पूर्णिमा तक उपवास रखता है, तो उसे 'बत्तीसी पूर्णिमा व्रत' कहते हैं।
मान्यता है कि जो भक्त ऐसा करता है, उसे अपनी श्रद्धा और पूजा का 32 गुना ज्यादा फल मिलता है। यानी आज के दिन की गई पूजा साधारण दिनों से कई गुना ज्यादा असरदार होती है।

नोट कर लें पूजा का सही समय

पंचांग के मुताबिक, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत आज (4 दिसंबर, गुरुवार) सुबह 08:38 बजे से हो चुकी है। यह तिथि कल यानी 5 दिसंबर की भोर में 04:43 बजे तक रहेगी।
चूंकि आज पूरा दिन पूर्णिमा तिथि है, इसलिए व्रत और पूजा आज ही की जाएगी। गुरुवार का दिन होने के कारण यह संयोग और भी शुभ हो गया है, क्योंकि गुरुवार भगवान विष्णु का ही दिन है।

कैसे करें आज की पूजा? (सरल विधि)

आज का दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा को समर्पित है। अगर आप आज बत्तीसी पूर्णिमा का व्रत रख रहे हैं या सामान्य पूजा कर रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:

  1. खान-पान: इस व्रत में अनाज (अन्न) नहीं खाया जाता। आज आप सिर्फ़ फल, दूध या साबूदाने जैसी फलाहारी चीजें ही खाएं।
  2. पूजा: घर के मंदिर में श्री हरि और माता लक्ष्मी को फल-फूल, धूप-दीप और सबसे जरूरी तुलसी अर्पित करें। इसके बाद पूर्णिमा व्रत की कथा जरूर सुनें।
  3. चंद्र और सूर्य पूजा: यह दुर्लभ दिन है जब सूर्य देव और चंद्र देवता, दोनों की पूजा का विधान है। सुबह सूर्य को अर्घ्य दें और शाम को चंद्रमा को दूध मिला जल चढ़ाएं।

क्या मिलता है इससे लाभ?

धार्मिक नजरिए से देखें तो यह व्रत एक 'पैकेज' की तरह है।

  • धन लाभ: माता लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक तंगी दूर होती है।
  • शादी और संतान: जिन लोगों की शादी में अड़चनें आ रही हैं या जो संतान सुख चाहते हैं, उनके लिए बत्तीसी पूर्णिमा का व्रत रामबाण माना गया है।
  • मोक्ष: जीवन के अंत में यह मोक्ष का मार्ग खोलता है।

माना जाता है कि जब आपके 32 व्रत पूरे हो जाएं, तो उद्यापन करके किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं। यह आपके जीवन के सारे दोष और दुख दूर कर सकता है। तो आज भक्ति भाव से श्री हरि का नाम लें, शुभ फल जरूर मिलेगा।

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