मनमोहन सिंह ने 1945 में जिन्ना पर मारी थी हॉकी बॉल? जानें पूरा किस्सा

Manmohan Singh Jinnah

डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की, अपनी सादगी, विनम्रता और नीतिगत नेतृत्व के लिए विश्व स्तर पर सम्मानित हुए। बृहस्पतिवार रात 92 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनके जीवन और उपलब्धियों पर तो सभी ने चर्चा की है, लेकिन उनका एक रोचक किस्सा है, जो उन्हें मोहम्मद अली जिन्ना, पाकिस्तान के कायदे-आज़म, से जोड़ता है। यह घटना भारत के विभाजन से पहले की है, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं।

हॉकी और जिन्ना: मनमोहन सिंह का अनजाना किस्सा

यह 1945 की बात है, जब भारत का विभाजन नहीं हुआ था। लाहौर में अपने घर के पास खेलते हुए, डॉ. मनमोहन सिंह, जो उस समय एक शौकीन हॉकी खिलाड़ी थे, की हॉकी स्टिक से मारी गई गेंद गलती से मोहम्मद अली जिन्ना को जा लगी।

डॉ. सिंह ने खुद सुनाया था यह किस्सा

कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बेंगलुरु में कुछ मीडियाकर्मियों के साथ अनौपचारिक बातचीत में डॉ. सिंह ने इस घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा:

“मैं 1945 में लाहौर में जिन्ना से मिला था। वह मेरे घर के पास रहते थे और हम उनके घर के पास हॉकी खेलते थे। एक दिन मेरी हॉकी से मारी गई गेंद मिस्टर जिन्ना को लग गई। सौभाग्य से, उन्हें कोई चोट नहीं आई। जिन्ना अपने घर के बाहर खड़े होकर हमें खेलते हुए देख रहे थे, तभी मेरा शॉट उन्हें लग गया।”

जिन्ना पर ‘पहला हमला’ और डॉ. सिंह की मुस्कान

जब एक पत्रकार ने मजाक में कहा कि यह जिन्ना पर पहला हमला था और इसका श्रेय मनमोहन सिंह को जाना चाहिए, तो डॉ. सिंह शर्माकर मुस्कुरा दिए।

जिन्ना को नहीं हुआ था पता

डॉ. सिंह ने बताया कि लाहौर के एक जूनियर कॉलेज के मैदान में यह घटना घटी। मैदान मोहम्मद अली जिन्ना के बंगले के ठीक बगल में था।

“मैंने गेंद को गोल पोस्ट की ओर मारा, लेकिन गेंद निशाने से चूक गई और जिन्ना के सिर पर जा लगी। वह बंगले के बरामदे में खड़े थे। उन्हें नहीं पता था कि उनके सिर पर क्या लगा।”

मनमोहन सिंह: भारतीय राजनीति के अनमोल रत्न

डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति में नीतिगत और आर्थिक सुधारों के प्रतीक थे।

  • वह जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, और नरेंद्र मोदी के बाद देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री हैं।
  • नेहरू के बाद वह पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने लगातार दो बार पांच-पांच साल के कार्यकाल पूरे किए।
  • उनके नेतृत्व में भारत ने कई आर्थिक सुधार और विकास के कदम उठाए।

अमर रहेंगे डॉ. मनमोहन सिंह

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन सादगी और सेवा का प्रतीक था। उनकी विनम्रता और कार्यशैली ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक अलग स्थान दिया। भले ही वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन देश के विकास में उनका योगदान उन्हें हमेशा अमर बनाए रखेगा।