मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में 2023 और 2024 के दौरान हुई हिंसक घटनाओं पर गहरा अफसोस जताते हुए जनता से माफी मांगी है। उन्होंने इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के लिए अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा, “जो कुछ भी 3 मई 2023 से लेकर अब तक हुआ, उसके लिए मुझे गहरा खेद है। मैं राज्य के सभी लोगों से माफी मांगता हूं।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इन घटनाओं ने सैकड़ों परिवारों को बर्बाद कर दिया, कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया और हजारों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।
दुख और पछतावे के साथ की नई शुरुआत की अपील
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने इन घटनाओं को लेकर गहरी संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा, “पिछला साल मणिपुर के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा। लेकिन हमें बीती बातों को पीछे छोड़कर, एक नई शुरुआत की ओर देखना होगा।” उन्होंने राज्य के सभी समुदायों से शांति और एकजुटता की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम सभी को एक शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर के लिए साथ काम करना चाहिए। बीते कल की गलतियों को भूलकर हमें एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ना होगा।”
शांति बहाली में हुई प्रगति पर मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में राज्य में शांति बहाली के प्रयासों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2025 के आगमन के साथ मणिपुर पूरी तरह से सामान्य स्थिति में लौट आएगा। उन्होंने कहा, “शांति का रास्ता संवाद और चर्चा से ही संभव है, और केंद्र सरकार इस दिशा में पहल कर चुकी है। राज्य में स्थिति पहले से बेहतर है, और हम सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
हिंसा के आंकड़े और सरकार की कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने 3 मई 2023 से शुरू हुई हिंसक घटनाओं के बारे में आंकड़े प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा:
- मृतक संख्या: 200 से अधिक लोग मारे गए।
- एफआईआर: कुल 12,247 एफआईआर दर्ज की गईं।
- गिरफ्तारी: 625 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
- हथियार बरामदगी: 5,600 से अधिक हथियार और 35,000 गोला-बारूद जब्त किए गए।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा विस्थापित परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा बल और धनराशि उपलब्ध कराई है। इसके साथ ही, विस्थापित लोगों के लिए नए घर बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।”
2024: संघर्ष और तनाव का साल
2024 का साल मणिपुर के लिए गहरा उथल-पुथल भरा रहा। राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच टकराव बढ़ा, जिसने घाटी और पर्वतीय क्षेत्रों को विभाजित कर दिया। इस दौरान:
- व्यापक जनहानि हुई।
- नागरिक क्षेत्रों में ड्रोन हमलों और भीड़ के हमलों की घटनाएं सामने आईं।
- हजारों लोग विस्थापित हो गए और अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हुए।
कभी सांस्कृतिक सद्भावना के लिए प्रसिद्ध मणिपुर अब गहरे सामाजिक और राजनीतिक विभाजन का सामना कर रहा है। समुदायों के बीच बढ़ते अविश्वास ने राज्य को तनाव और भय की स्थिति में डाल दिया है।
सांस्कृतिक विरासत से शांति की ओर वापसी की अपील
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मणिपुर की सांस्कृतिक धरोहर का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य को फिर से शांति और एकता की ओर लौटने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “मणिपुर ने हमेशा अपनी विविधता में एकता की भावना को संजोया है। हमें इसे फिर से वापस लाने के लिए मिलकर काम करना होगा।”
नए साल के लिए मुख्यमंत्री की उम्मीदें
मुख्यमंत्री ने 2025 के आगमन को मणिपुर के लिए एक नई शुरुआत के रूप में देखा। उन्होंने राज्य के लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हम सब मिलकर मणिपुर को एक बार फिर शांतिपूर्ण और समृद्ध राज्य बनाएंगे।”