मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में पिछले वर्ष 3 मई को हुई जातीय हिंसा के लिए जनता से माफी मांगी है। इस हिंसा में 250 से अधिक लोगों की जान गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे। मुख्यमंत्री के इस बयान पर अब कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया?
जयराम रमेश का सवाल: प्रधानमंत्री क्यों चुप हैं?
कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के माफी वाले बयान का वीडियो साझा करते हुए तीखा हमला किया। उन्होंने लिखा,
“प्रधानमंत्री मोदी देश और दुनिया भर में यात्रा करते रहते हैं। लेकिन मणिपुर जाकर वहां के लोगों से माफी क्यों नहीं मांग सकते, जैसा मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने किया है?”
रमेश ने कहा,
“4 मई 2023 के बाद से प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा करने से परहेज किया है। मणिपुर के लोग इस उपेक्षा को समझ नहीं पा रहे हैं।”
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का बयान
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मंगलवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में राज्य में हुए जातीय संघर्ष के लिए खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा,
“जो कुछ हुआ, उसके लिए मैं माफी मांगता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया और कई अपने घरों से बेघर हो गए। पिछले तीन-चार महीनों में स्थिति शांतिपूर्ण हुई है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।”
उन्होंने आगे कहा,
“मैं सभी समुदायों से अपील करता हूं कि वे अपनी पिछली गलतियों को माफ करें और भूल जाएं। शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर में एक साथ नए सिरे से जीवन शुरू करें।”
कांग्रेस का पीएम पर हमला क्यों?
कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री के माफी मांगने के कदम को सकारात्मक बताया, लेकिन इसके साथ ही प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री मणिपुर में जारी संकट पर लगातार चुप हैं, जबकि यह देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
कांग्रेस का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री का मणिपुर में न जाना उन लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है, जिन्होंने इस हिंसा में अपने परिजनों को खोया है।
मणिपुर हिंसा: एक नजर
- घटनाक्रम की शुरुआत: 3 मई 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी।
- नुकसान का आकलन: 250 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए।
- वर्तमान स्थिति: पिछले कुछ महीनों में स्थिति शांतिपूर्ण रही है, लेकिन तनाव अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।
सरकार की प्रतिक्रिया और चुनौती
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने अपनी माफी के साथ शांति और एकता की अपील की है, लेकिन इस कदम को स्थायी समाधान के रूप में देखा जाना अभी बाकी है। राज्य में सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर लगाए गए आरोप इस मुद्दे को और गंभीर बना रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केंद्र सरकार मणिपुर के हालात को सामान्य करने के लिए क्या कदम उठाती है।
मणिपुर को स्थिरता की जरूरत
मणिपुर में शांति बहाल करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री की माफी एक सकारात्मक पहल है, लेकिन इससे आगे बढ़कर राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर काम करना होगा। मणिपुर के लोगों को सुरक्षा, पुनर्वास और भरोसे की आवश्यकता है।