CBSE स्कूलों के शिक्षकों के लिए अनिवार्य 50 घंटे की ट्रेनिंग: 2025 में होगा कार्यक्रम का शुभारंभ

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अब CBSE स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए केवल बीएड की डिग्री पर्याप्त नहीं होगी। शिक्षकों को हर शैक्षणिक विधा में पारंगत बनाने और उनकी क्षमता को बढ़ाने के लिए CBSE ने 50 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य कर दी है। यह ट्रेनिंग प्रोग्राम 2025 में शुरू किया जाएगा और इसमें देशभर के 30,000 से अधिक CBSE स्कूलों के 15 लाख से ज्यादा शिक्षक शामिल होंगे।

ट्रेनिंग का उद्देश्य और प्रोग्राम की रूपरेखा

CBSE द्वारा लॉन्च किया जाने वाला यह प्रोग्राम, जिसे ‘ट्रेनिंग इंटरवेंशन फ्रेमवर्क एंड सॉल्यूशंस’ (TIFS) कहा जाएगा, शिक्षकों को शैक्षणिक और व्यावसायिक कौशल में दक्ष बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।

  • समावेश:
    • स्कूल प्रिंसिपल, उप-प्रधानाचार्य, प्राथमिक शिक्षक (ग्रेड 1-5), प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (ग्रेड 6-8), स्नातकोत्तर शिक्षक (ग्रेड 9-12), परामर्शदाता, समन्वयक, और पुस्तकालयाध्यक्ष।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) के अनुरूप:
    • इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को NEP 2020 के निर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है, जिसमें छात्रों के स्किल डेवलपमेंट और समग्र विकास पर जोर दिया गया है।
  • नियमित ट्रेनिंग:
    • बोर्ड का कहना है कि शिक्षकों की ट्रेनिंग एक निरंतर प्रक्रिया के रूप में चलती रहेगी।

50 घंटे की ट्रेनिंग: शिक्षकों के लिए अनिवार्य

CBSE ने इस प्रोग्राम को शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के लिए 50 घंटे की ट्रेनिंग के रूप में लागू किया है।

प्रमुख लक्ष्य:

  1. शिक्षकों के पढ़ाने की कला को बेहतर बनाना।
  2. कक्षा में मैनेजमेंट और छात्रों के साथ संवाद को प्रभावी बनाना।
  3. शिक्षकों की प्रतिभा और कौशल को निखारना।

इन विषयों में दी जाएगी ट्रेनिंग

ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को 50 से अधिक विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें शामिल हैं:

  • क्लासरूम मैनेजमेंट:
    • कक्षा के माहौल को बेहतर और उत्पादक बनाने के तरीके।
  • टाइम मैनेजमेंट:
    • शिक्षकों को समय का सही उपयोग करना सिखाना।
  • वेलनेस और मेंटल हेल्थ:
    • छात्रों और शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना।
  • करियर काउंसिलिंग:
    • छात्रों को उनके भविष्य के करियर की सही दिशा दिखाने के तरीके।
  • वैल्यू एजुकेशन:
    • नैतिक शिक्षा और मूल्यों का समावेश।
  • जेंडर इक्वालिटी:
    • लिंग समानता और समावेशिता पर जागरूकता।

CBSE से जुड़े स्कूलों की जानकारी

भारत में CBSE बोर्ड के लगभग 30,000 स्कूल हैं, जिनमें:

  • 1,247 केंद्रीय विद्यालय।
  • 5,280 सरकारी/सहायता प्राप्त स्कूल।
  • 22,408 निजी स्कूल।
  • विदेशों में 25 स्कूल।

ट्रेनिंग से शिक्षकों को क्या लाभ होगा?

  1. बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन:
    शिक्षकों की पढ़ाने की क्षमता में सुधार होगा, जिससे छात्रों की शिक्षा में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
  2. कक्षा का माहौल:
    शिक्षकों को कक्षाओं को बेहतर ढंग से मैनेज करना और छात्रों की समस्याओं को सुलझाने के तरीके सीखने का मौका मिलेगा।
  3. समग्र विकास:
    यह प्रशिक्षण शिक्षकों को नई चुनौतियों का सामना करने और आधुनिक शिक्षा प्रणाली में अपनी भूमिका को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगा।