
बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने एक बार फिर किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर पद को ग्रहण कर लिया है। हाल ही में उन्होंने पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन अब उन्होंने खुद वीडियो जारी कर यह स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया और वे अखाड़े का हिस्सा बनी रहेंगी। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी उनकी वापसी की पुष्टि की है।
महामंडलेश्वर पद से इस्तीफे पर क्या कहा ममता ने?
एक वीडियो संदेश में ममता कुलकर्णी ने कहा—
“महामंडलेश्वर पद से मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया। मैं आभारी हूं कि आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी ने मुझे इस पद पर बनाए रखा।”
उन्होंने आगे कहा कि महामंडलेश्वर बनने के बाद उन्होंने गुरु को छत्र, छड़ी और चंवर की भेंट दी थी। भंडारे के लिए भी उन्होंने राशि दी थी और वे अखाड़े की सेवा में समर्पित रहेंगी।
“मुझे फिर से महामंडलेश्वर बनाने के लिए मैं अपने गुरु की आभारी हूं। आगे बढ़ते हुए अपना जीवन किन्नर अखाड़े और सनातन धर्म को समर्पित करूंगी।”
क्यों दिया था इस्तीफा?
इससे पहले, 10 फरवरी को ममता कुलकर्णी ने एक वीडियो जारी कर अपने महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था—
“किन्नर अखाड़े और अन्य संतों के बीच मुझे महामंडलेश्वर बनाए जाने पर विवाद हो रहा था।”
“मैंने 25 साल घोर तपस्या की, लेकिन मेरे महामंडलेश्वर बनने से कई लोग नाखुश थे।”
“इस पद के बदले मुझसे दो लाख रुपये मांगे गए थे। जब मैंने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं, तो वहां मौजूद महामंडलेश्वर जय अंबा गिरि ने अपनी जेब से दो लाख रुपये निकालकर आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को दे दिए।”
महामंडलेश्वर बनाए जाने पर क्यों हुआ विवाद?
जब 24 जनवरी 2024 को ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया गया, तब कई संतों ने इसका विरोध किया।
किन्नर कथावाचक हिमांगी सखी और ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने इस पर आपत्ति जताई।
ममता कुलकर्णी ने खुद कहा, “जिन चंडी देवी की आराधना मैंने की, शायद वही मुझे संकेत दे रही थीं कि मुझे इन चीजों से बाहर निकलना चाहिए।”
अब क्या करेंगी ममता कुलकर्णी?
अब जब उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया, तो उन्होंने साफ किया कि—
“मैं किन्नर अखाड़े में बनी रहूंगी और सनातन धर्म की सेवा करूंगी।”
“गुरु और आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का सम्मान करते हुए मैं अखाड़े को समर्पित रहूंगी।”
ममता कुलकर्णी का अध्यात्मिक सफर और किन्नर अखाड़े से जुड़ाव फिलहाल जारी रहेगा। अब देखना होगा कि उनके महामंडलेश्वर बने रहने पर और क्या प्रतिक्रियाएं आती हैं।