पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ करार दिया और कहा कि यहां वीआईपी लोगों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि आम श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं।
“महाकुंभ अब ‘मृत्यु कुंभ’ बन गया” – ममता बनर्जी
बंगाल विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि,
“मैं महाकुंभ और गंगा मां का सम्मान करती हूं, लेकिन यहां कोई उचित व्यवस्था नहीं है। अमीरों के लिए लाखों रुपये के कैंप (टेंट) हैं, लेकिन गरीबों के लिए कोई सुविधा नहीं दी गई। मेले में भगदड़ जैसी स्थिति आम है, लेकिन भाजपा सरकार ने भीड़ नियंत्रण के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए।”
भाजपा सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप
ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि महाकुंभ में अव्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं। उन्होंने पूछा,
“कितने लोग अब तक लापता हुए हैं? प्रशासन की क्या योजना थी?”
“भाजपा धर्म को राजनीति से जोड़ रही है”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर धर्म का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि,
“अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि भाजपा नेता नफरत फैलाएं और समाज को बांटने की कोशिश करें।”
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा विधायकों द्वारा उन पर “बांग्लादेशी कट्टरपंथियों से मिलीभगत” का आरोप लगाया जा रहा है, और वह इसकी शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करेंगी।
भाजपा ने किया कड़ा विरोध, तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप
ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने इसे हिंदू आस्थाओं का अपमान बताया और कहा कि,
“ममता बनर्जी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं। महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन को ‘मृत्यु कुंभ’ कहना लाखों श्रद्धालुओं का अपमान है।”
ममता को इस्तीफे की चुनौती
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया था कि राज्य के कुछ इलाकों में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां बढ़ रही हैं, जिसके लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। इस पर ममता ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा,
“अगर भाजपा यह साबित कर दे कि मेरा बांग्लादेशी कट्टरपंथियों से कोई संबंध है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगी।”
महाकुंभ पर सियासत जारी
महाकुंभ को लेकर ममता बनर्जी और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। जहां ममता बनर्जी इसे “प्रशासनिक कुप्रबंधन” का मामला बता रही हैं, वहीं भाजपा इसे हिंदू धर्म का अपमान और तुष्टिकरण की राजनीति करार दे रही है। आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए यह मुद्दा और गरमा सकता है।