बच्चों के रिटेंशन और ड्रॉपआउट को रोकने के लिए पठन-पाठन को रोचक बनाएं : उमाशंकर सिंह

निपुण समागम झारखंड का ओवरआल चैंपियन बना धनबाद

रांची, 5 जुलाई (हि.स.)। निपुण भारत मिशन के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग एवं झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वावधान में इंडिया पार्टनरशिप फॉर अर्ली लर्निंग (आईपीईएल)-एफएलएन पीएमयू के सहयोग से शुक्रवार को प्रभात तारा मैदान में एक दिवसीय राज्यस्तरीय निपुण समागम झारखंड का आयोजन किया गया। इसमें राज्य के 24 जिलों से 450 शिक्षकों, दस गैर सरकारी समूहों के प्रतिनिधियों एवं हजारों स्कूली बच्चों ने भाग लिया।

इस समागम का उद्घाटन राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने एक से पांच तक की कक्षा में नामांकित बच्चों के रिटेंशन और ड्रॉपआउट को रोकने के लिए पठन-पाठन को रोचक और मनोरंजक बनाने के साथ साथ स्कूलों के शैक्षणिक वातावरण को उत्साहवर्धक बनाने का आग्रह किया। साथ ही बच्चों के लिए उनकी क्षेत्रीय एवं मातृभाषा में उन्हें टीएलएम सिखाने पर जोर दिया, जिससे बच्चों में बेहतर समझ विकसित हो।

सचिव ने कहा कि टीएलएम को प्रभावी बनाने के लिए इसका निरंतर अनुश्रवण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से सभी 24 हजार प्राथमिक विद्यालयों को ध्यान में रखते हुए टीएलएम को उत्कृष्ट बनाकर बच्चों को इसका लाभ देने की दिशा में झारखंड शिक्षा परियोजना कार्य करे। साथ ही कहा कि निपुण समागम की तरह कार्यक्रम नियमित अंतराल में होते रहने चाहिए। आज जिन प्रशीक्षित शिक्षकों ने राज्यस्तरीय निपुण समागम में अपने हुनर का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है, इन्ही शिक्षकों की सहायता से जेसीईआरटी के माध्यम से राज्य के प्रत्येक जिलों में प्रशिक्षण सत्र आयोजित कराकर शिक्षकों को टीएलएम बनाने का हुनर सिखाया जा सकता है।

झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने कहा कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों ने जिस प्रतिभा का निपुण समागम में प्रदर्शन किया है, वह मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष अब निपुण समागम का आयोजन किया जाएगा। साथ ही हर विद्यालय में एक कमरा टीएलएम रूम के रूप में स्थापित होगा ताकि एक से पांच वर्ग के बच्चों को उनकी मातृ, क्षेत्रीय, जनजातीय भाषा में भाषा एवं संख्यात्मकता का ज्ञान मिल सके। उन्होंने कहा कि इस राज्यस्तरीय आयोजन से पहले जिला एवं प्रखंड स्तरीय टीएलएम मेले में जिन शिक्षकों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, उनकी भी जितनी सराहना की जाए कम है।

समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग के निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि सभी जिलों के डायट एवं स्कूलों के एक कक्ष में टीएलएम की प्रदर्शनी जरूर लगाएं। उन्होंने कहा कि जो शिक्षक टीएलएम बनाने में निपुण है, उन्हें अन्य स्कूलों के भ्रमण पर भेजे ताकि वे अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित कर सके। यदि आपके भीतर कोई प्रतिभा है तो उससे दूसरों को प्रशिक्षित करें।

यूनिसेफ की एजुकेशन स्पेशलिस्ट पारुल शर्मा ने कहा कि प्राथमिक कक्षा से जुड़े बुनियादी शिक्षा के समागम को आज हम सफलता के सफर रूप में मना रहे हैं। जितने भी विकसित देश हैं, वहां की सरकारी शिक्षण व्यवस्था सदृढ़ रही है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हमारा सफर अभी लंबा है। निपुण मिशन इस सफर में एक मील का पत्थर साबित हुआ है।

जिलास्तरीय टीएलएम मेले में चयनित शिक्षकों ने राज्यस्तरीय निपुण समागम में अपने एफएलएन/टीएलएम मॉडल्स का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शनी में सर्वश्रेष्ठ टीएलएम बनाने वाले तीन जिलों को पुरस्कृत किया गया। धनबाद निपुण समागम झारखंड-2024 का ओवरआल विजेता बना जबकि दुमका फर्स्ट रनरअप और पश्चिमी सिंघभूम सेकंड रनरअप बना। निर्णायक मंडली में ममता एलिजाबेथ लकड़ा, सीमा राजपूत और गायत्री सुब्रमण्यम शामिल थीं। विजेताओं को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव ने पुरस्कृत किया।

बाल साहित्य एवं एक्टिविटी बैंक हैंडबुक का विमोचन

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने बाल साहित्य का संयुक्त रूप से विमोचन किया। इस पुस्तक की रचना करने वाले सात शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया। जिन शिक्षकों को सम्मान मिला उनमें रविशंकर पाठक, सतेंद्र कुमार, मीनू कुमारी, अंजली कुजूर, जया प्रभा, बिनीश कुमार शुक्ल और शिप्रा मिश्रा शामिल थीं। समागम के दौरान एक्टिविटी बैंक हैंडबुक का विमोचन भी किया गया। निपुण समागम में सभी जिलों से चयनित 14 शिक्षकों ने टीएलएम प्रदर्शनी भी लगाई।