Mahindra Thar Challan More Than 1 Lakh Rupees:आपने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर हजारों रुपये के चालान के किस्से सुने होंगे, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि किसी गाड़ी का चालान 1 लाख रुपये से भी ज्यादा हो सकता है? ऐसा ही एक मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से सामने आया, जहां एक महिंद्रा थार के मालिक पर 1.05 लाख रुपये का चालान ठोका गया।
आइए, जानते हैं इस जुर्माने के पीछे की पूरी कहानी और कार मॉडिफिकेशन से जुड़े भारतीय नियमों के बारे में।
क्यों काटा गया 1.05 लाख रुपये का चालान?
मंडी में पुलिस ने हाईवे पर एक महिंद्रा थार को चेकिंग के लिए रोका। जांच के दौरान कई गंभीर खामियां सामने आईं, जिनकी वजह से भारी चालान लगाया गया।
चेकिंग में सामने आई खामियां:
- कागज नहीं थे मौजूद:
- गाड़ी मालिक के पास न तो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) था और न ही पॉल्यूशन सर्टिफिकेट।
- यह ट्रैफिक नियमों का सीधा उल्लंघन है।
- मॉडिफिकेशन के नियमों का उल्लंघन:
- गाड़ी में टायर और अन्य हिस्सों में बदलाव किए गए थे।
- कार का डिजाइन और लुक पूरी तरह मॉडिफाइड था।
- पुलिस के साथ दुर्व्यवहार:
- चालान में यह भी उल्लेख किया गया है कि थार चालक ने पुलिस के साथ बदसलूकी की।
मॉडिफिकेशन और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन:
मॉडिफिकेशन के कारण गाड़ी का मूल स्वरूप बदल गया था, जो भारतीय मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है। इसी वजह से पुलिस ने 1.05 लाख रुपये का भारी चालान किया।
भारतीय कानून में कार मॉडिफिकेशन के नियम
1. मॉडिफिकेशन पर प्रतिबंध:
भारतीय मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) के तहत वाहन मालिक बिना अनुमति गाड़ी में किसी भी प्रकार का मॉडिफिकेशन नहीं कर सकते।
2. इंजन और रंग में बदलाव:
- गाड़ी का इंजन और रंग मूल रूप से वही होना चाहिए, जो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) में दर्ज है।
- इंजन की क्षमता (CC) बढ़ाने या रंग बदलने के लिए परमिशन लेना अनिवार्य है।
3. टायर और डिजाइन:
- गाड़ी के टायर या किसी अन्य हिस्से में बदलाव करने से पहले आरटीओ (RTO) से अनुमति लेनी पड़ती है।
- ऐसा न करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है।
4. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट:
- गाड़ी का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट हर समय मौजूद होना चाहिए।
- यह सुनिश्चित करता है कि गाड़ी से निकलने वाले धुएं की मात्रा तय मानकों के अनुरूप है।
5. आरसी का पालन जरूरी:
- गाड़ी की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) में जो विवरण दर्ज हैं, वे हर हाल में गाड़ी पर लागू होने चाहिए।
- मॉडिफिकेशन के बाद RC में बदलाव की अनुमति जरूरी है।
मॉडिफिकेशन के कारण चालान क्यों बढ़ जाता है?
1. सुरक्षा मानकों का उल्लंघन:
मॉडिफिकेशन से वाहन का संतुलन और सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
2. कानूनी जिम्मेदारी:
- मॉडिफिकेशन के बाद गाड़ी की जांच और प्रमाणन (Certification) जरूरी है।
- ऐसा न करने पर वाहन कानून के उल्लंघन के तहत जुर्माना लगाया जाता है।
3. दुर्घटना की संभावना:
मॉडिफिकेशन के कारण गाड़ी का डिजाइन बदलने से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
थार चालान मामले से सीखने वाली बातें
- कागजात हमेशा रखें:
- गाड़ी का RC, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और ड्राइविंग लाइसेंस हर समय अपने पास रखें।
- मॉडिफिकेशन से बचें:
- गाड़ी के मूल स्वरूप को बदलने से पहले स्थानीय आरटीओ से अनुमति लें।
- कानून का पालन करें:
- ट्रैफिक पुलिस के निर्देशों का पालन करें और अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार से बचें।
- वाहन सुरक्षा का ध्यान रखें:
- गाड़ी की सुरक्षा मानकों का पालन करें और ऐसे बदलाव न करें जो गाड़ी की स्थिरता या प्रदर्शन को प्रभावित करें।