महाशिवरात्रि 2024: शिव को अत्यंत प्रिय है पंचामृत, जानिए बनाने की सही वैदिक विधि

महाशिवरात्रि 2024: जिस व्यक्ति पर भगवान शिव की कृपा हो जाती है उसकी हर छोटी-बड़ी इच्छा पूरी हो जाती है। अब यह भक्तों पर निर्भर है कि वे अपने भगवान की कितनी भक्ति और आस्था से सेवा करते हैं। यदि सच्चे मन से एक लोटा जल भी अर्पित किया जाए तो शिव की कृपा बरसने लगती है।

भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए महाशिवरात्रि से बेहतर कोई दिन नहीं हो सकता। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 8 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। भगवान शिव की पूजा में पंचामृत चढ़ाने का बहुत महत्व है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि पंचामृत क्या है, इसे कैसे बनाते हैं और इसके क्या फायदे हैं।

पंचामृत क्या है?

पंचामृत का अर्थ है पांच अमृत यानी पांच पवित्र चीजों से बना हुआ। यह मिश्रण दूध, दही, घी, चीनी और शहद को मिलाकर बनाया जाता है, जो हव्य यानी देवताओं का भोजन बन जाता है। प्रसाद के रूप में भी इसका बहुत महत्व है, इससे भगवान का अभिषेक भी किया जाता है। पांचों प्रकार के मिश्रण से बना पंचामृत मन को शांति देता है और इसके सेवन से शरीर रोगों से मुक्त रहता है। पंचामृत का प्रयोग सभी देवी-देवताओं की पूजा में किया जाता है, आइए जानते हैं इसे कैसे बनाएं।

कैसे बनाएं पंचामृत? ((पंचामृत बनवाणी विधि)

जितना दूध लें, आधा दही लें, दही से आधी चीनी लें, चीनी से आधा घी लें और घी से आधा शहद लें यानी 1/2 किलो दूध, 250 ग्राम दही, 125 ग्राम चीनी, 60 ग्राम घी, 30 ग्राम शहद . इन पांचों चीजों को अच्छे से मिलाकर इस्तेमाल करें।

पंचामृत बनाने के लिए ये चीजें (दूध, दही, घी) गौ माता से ली जाए तो बहुत अच्छा रहेगा। कुछ लोग पंचामृत में गंगा जल भी मिलाते हैं, इसलिए अगर आप गंगा जल मिलाना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि पहले गंगा जल डालें और फिर बाकी सभी चीजें।

शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाने के फायदे (शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ावना फ़ायदा)

महाशिवरात्रि के शुभ दिन पर शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराने से मन से काम, लोभ, क्रोध, मोह और अहंकार जैसी नकारात्मक भावनाएं दूर हो जाती हैं। पंचामृत इन पांच विकारों को नष्ट करता है। इस दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए शिवलिंग की पूजा की जाती है। पंचामृत अर्पित करने से मन शुद्ध और मजबूत होता है।