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गिर सोमनाथ समाचार: कोडिनार में गुरुपूर्णिमा के अवसर पर महर्षि व्यासजी की शोभा यात्रा यहां राम मंदिर से निकली। जिसमें 18 पुराणों के 4 लाख श्लोकों का पाठ किया गया। कोडिनार में उनके दर्शन एवं नगर वार्ता हुई। ज्ञान दर्शन कथा मंडप में पहुंचकर कथा वक्ता डॉ. महादेव प्रसाद मेहता ने महर्षि व्यासजी की जयंती के अवसर पर 18 पुराण ज्ञान यज्ञ के 14 रत्नों की भेंट दी और वर्तमान युग के लिए इसके वैज्ञानिक महत्व को भी बताया।

धर्म और अधर्म के संबंध में वक्ता ने कहा, धर्म भगवान का हृदय है और अधर्म भगवान की पीठ है। इसलिए मनुष्य को प्रतिदिन भगवान के मंदिर में भगवान की ओर मुख करके दर्शन करना चाहिए। तीर्थयात्रा करने से भगवान के सान्निध्य में रहने से मिलने वाली ऊर्जा के बारे में वक्ता ने कहा कि तीर्थयात्रा करने के बाद ही जलाराम बापा के मन में अन्नक्षेत्र का विचार आया, जो आज भी वीरपुर में चल रहा है.