Maharashtra Politics : शिंदे-फडणवीस-राज ठाकरे और अजित पवार, महाराष्ट्र में क्या फिर से बड़े उलटफेर की तैयारी
- by Archana
- 2025-08-21 15:45:00
News India Live, Digital Desk: Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर बड़े बदलावों की सुगबुगाहट तेज हो गई है। आगामी चुनावों से ठीक पहले जिस तरह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज ठाकरे और अजित पवार जैसे प्रमुख नेताओं के साथ एक डिनर में मुलाकात की है, उसने राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे द्वारा आयोजित यह रात्रिभोज कोई साधारण घटना नहीं मानी जा रही है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यह बैठक भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के गुट के बीच संभावित नई रणनीतियों का संकेत दे रही है, जिसमें मनसे प्रमुख राज ठाकरे की भूमिका भी अहम हो सकती है।
विशेषज्ञ इस घटनाक्रम को विपक्षी गठबंधन, खासकर शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में देख रहे हैं। पिछले एक दशक में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) का जनाधार कुछ कमजोर हुआ है, लेकिन उनकी बयानबाजी और मराठी वोटों पर उनका प्रभाव अभी भी मायने रखता है। भाजपा राज ठाकरे को मुंबई, कोंकण और पुणे जैसे शहरी केंद्रों में एकनाथ शिंदे के साथ जोड़कर एक मजबूत गठबंधन बनाने की जुगत में लगी है। ऐसे में यदि राज ठाकरे भाजपा के खेमे में शामिल होते हैं, तो विपक्षी दलों, विशेष रूप से उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
भाजपा इस तिकड़ी - एकनाथ शिंदे, अजित पवार और राज ठाकरे - को एक साथ लाकर 'तीनों लोक में अपनी तूती बोलने' वाली रणनीति पर काम कर रही है। शिवसेना (यूबीटी) ने अजित पवार के मुख्यमंत्री पद के लालच के कारण राज्य सरकार के गिरने की भविष्यवाणी भी की थी। आगामी चुनावों के लिए रणनीतिक योजना की आवश्यकता स्पष्ट है, और इन नेताओं के बीच मुलाकात इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी और महायुति दोनों ने सीटें जीती हैं, लेकिन राजनीतिक संतुलन लगातार बदल रहा है। यह बैठक संभवतः एक भविष्य के रोडमैप का हिस्सा है, जिसके तहत विपक्षी वोटों के बंटवारे को और भी प्रभावी बनाया जा सकता है।
फिलहाल महाराष्ट्र की राजनीति बेहद दिलचस्प मोड़ पर खड़ी है, जहाँ समीकरण लगातार बदल रहे हैं।
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