महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आने के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर जो सस्पेंस पैदा हुआ है, वह इतने दिनों बाद भी बरकरार है. अब सूत्रों ने जानकारी दी है कि नई सरकार के गठन की तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई है और शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान या महालक्ष्मी रेस कोर्ट में आयोजित किया जा सकता है. लेकिन इन सबके बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव गए हैं. इसके चलते महाराष्ट्र सरकार बनाने पर फैसला लेने के लिए शुक्रवार को मुंबई में होने वाली महायुति की बैठक फिलहाल स्थगित कर दी गई है। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि क्या एकनाथ शिंदे सरकार बनाने के फैसले से नाराज हैं और इसीलिए वह अपने गांव सतारा चले गए हैं.
कब होगी बैठक?
महायुति की बैठक में देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार के अलावा बीजेपी और एनसीपी के शीर्ष नेताओं को हिस्सा लेना था. अब सत्तारूढ़ गठबंधन की बैठक रविवार को मुंबई में होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक, नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह अगले हफ्ते हो सकता है.
एकनाथ शिंदे के मन में क्या है
एकनाथ शिंदे ने गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि बातचीत सकारात्मक रही और अगले दौर की चर्चा शुक्रवार को मुंबई में होगी. गुरुवार रात एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार के साथ अमित शाह से मुलाकात की. खबरों के मुताबिक इस बैठक में सरकार गठन को लेकर अहम फैसले लिए गए. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह सरकार बनाने में दखल नहीं देंगे और अगले सीएम पर पीएम मोदी और अमित शाह जो फैसला लेंगे, उसका पालन करेंगे.
कौन बनेगा सीएम
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 132 सीटें जीतने वाली बीजेपी की ओर से सीएम पद की रेस में देवेन्द्र फड़णवीस का नाम सबसे आगे है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर फड़णवीस के नाम पर विचार हो रहा है तो एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करने को कहा गया है. हालांकि खबरें ये भी हैं कि एकनाथ शिंदे इस पद के लिए अपने बेटे श्रीकांत शिंदे का नाम आगे बढ़ा सकते हैं. शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि अगर शिंदे नई सरकार में डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो इस पद के लिए पार्टी से किसी और के नाम पर भी विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो हमारी पार्टी से किसी और को यह पद मिलेगा. वे शाम तक फैसला करेंगे.
पैतृक गांव जाने के पीछे क्या है वजह
बीजेपी नेताओं के मुताबिक, महाराष्ट्र बीजेपी बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के आने का इंतजार कर रही है. एकनाथ शिंदे के अपने पैतृक गांव जाने की इन सभी चर्चाओं के बीच, शिवसेना ने उन दावों को खारिज कर दिया है कि वह परेशान हैं। शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा कि शिंदे को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए वे अपने पैतृक गांव चले गये हैं. सामंत ने यह भी कहा कि शिंदे को नई सरकार का हिस्सा होना चाहिए.
उदय सामंत ने कहा कि अगर बैठक फिजिकली नहीं हो पाती है तो वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भी की जा सकती है. शिवसेना नेता ने आगे कहा कि उन्हें (एकनाथ शिंदे) कोई परेशानी नहीं है. दिल्ली में उन्हें सर्दी और बुखार हो गया था. यह कहना गलत है कि वे परेशान होकर अपने पैतृक गांव चले गये हैं.