महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। नतीजों के बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए। इस बीच, चुनाव आयोग (ECI) ने ईवीएम और वीवीपैट (वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) के मिलान को लेकर स्पष्ट जानकारी दी है। आयोग के अनुसार, मतगणना के दिन ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों के मिलान में कोई गड़बड़ी या अनियमितता नहीं पाई गई।
23 नवंबर को मतगणना और वीवीपैट पर्चियों का मिलान
चुनाव आयोग के मुताबिक, 23 नवंबर को मतगणना के दिन हर विधानसभा क्षेत्र के पांच बूथों की वीवीपैट पर्चियों की गिनती की गई।
- 288 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1440 वीवीपैट इकाइयों की पर्चियों का मिलान किया गया।
- इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की त्रुटि नहीं पाई गई।
चुनाव आयोग ने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव पर्यवेक्षकों और उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पूरी की गई।
चुनाव आयोग ने दिया साफ संदेश: कोई अनियमितता नहीं
विपक्षी दलों की ओर से ईवीएम पर उठाए गए सवालों के जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि:
- ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों की गिनती में कोई अंतर नहीं मिला।
- चुनाव आयोग ने सभी नियमित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पारदर्शी तरीके से गिनती करवाई।
- पूरी प्रक्रिया की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की गई है और इसे सुरक्षित रखा गया है।
ईवीएम की विश्वसनीयता पर भरोसा कायम
चुनाव आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र के सभी 36 जिलों के जिला चुनाव अधिकारियों ने रिपोर्ट पेश की है।
- उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों ने भी सम्बंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं।
- गिनती की प्रक्रिया विशेष सुरक्षा व्यवस्था में हुई और इसे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड किया गया।
विपक्ष के आरोप और मांगें
कांग्रेस और एनसीपी का विरोध
एमवीए के प्रमुख घटक दल, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
- उन्होंने भविष्य में चुनाव कराने के लिए बैलेट पेपर की वापसी की मांग की है।
- कांग्रेस नेता आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग पर ईवीएम के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार
विपक्षी दलों ने नतीजों पर सवाल उठाते हुए विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन हुए शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।
ईवीएम पर सवाल क्यों उठे?
चुनाव में हार के बाद विपक्षी दलों के 20 से अधिक उम्मीदवारों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
- उनका आरोप है कि कई क्षेत्रों में, जहां विपक्षी दलों को मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद थी, नतीजे अप्रत्याशित रहे।
- उन्होंने डाले गए वोटों और घोषित नतीजों के बीच गंभीर अनियमितताओं की बात कही।
चुनाव आयोग का बयान: ईवीएम-वीवीपैट में पूरी पारदर्शिता
चुनाव आयोग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि:
- 1440 वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम डेटा से मिलान किया गया।
- पूरे मिलान में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।
- आयोग ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया।