महाराष्ट्र के मानखुर्द शिवाजी नगर विधानसभा सीट से सपा पार्टी के नेता और विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब को महान बताया, जिसके बाद सियासी गरमी काफी बढ़ गई है। उनके बयान की राजनीतिक हस्तियों द्वारा आलोचना की जा रही है। परिणामस्वरूप, अब अबू आज़मी ने ट्वीट कर अपना बयान वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि इस बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
अबू आज़मी ने बयान वापस लिया
उन्होंने लिखा कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। औरंगजेब (अल्लाह उस पर रहम करे) के बारे में मैंने वही बात कही है जो इतिहासकारों और लेखकों ने कही है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन फिर भी अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द, अपना बयान वापस लेता हूं। इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है और मुझे लगता है कि इसके कारण महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र को बंद करने से महाराष्ट्र की जनता को नुकसान हो रहा है।
एकनाथ शिंदे ने माफ़ी की मांग की
तो वहीं इस बारे में एक शिंदे ने भी कहा कि अबू आज़मी को माफ़ी मांगनी चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाए। उन्होंने कहा कि अबू आज़मी का बयान अस्वीकार्य और निंदनीय है। औरंगजेब को एक अच्छा प्रशासक कहना पाप है। यह वही औरंगजेब है जिसने संभाजी महाराज को 40 दिनों तक परेशान किया था। अबू आज़मी ने माफ़ी मांगी. हमारे मुख्यमंत्री ने भी इसे बहुत गंभीरता से लिया है। मेरा मानना है कि राष्ट्रीय नायकों का अपमान करने के लिए आज़मी पर देशद्रोह का आरोप लगाया जाना चाहिए। जो लोग राष्ट्रीय नायकों के खिलाफ बोलते हैं उन्हें राष्ट्रविरोधी कहा जाना चाहिए।
भाजपा ने भी किया हमला
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह भारतीय समाज का बहुत बड़ा अपमान है कि समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी और कांग्रेस पार्टी के नेता राशिद अल्वी सबसे क्रूर और अत्याचारी शासकों में से एक औरंगजेब की प्रशंसा कर रहे हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि ये लोग हिंदू धर्म को पूरी तरह नष्ट करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। इससे पता चलता है कि ये लोग भारतीय संस्कृति और भारतीय परंपरा से कितनी नफरत करते हैं।