उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला 2025 में लगातार अनहोनी घटनाएं सामने आ रही हैं। 144 साल बाद आयोजित इस महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु संगम स्नान और कल्पवास के लिए पहुंचे हैं। लेकिन इस बार मेले में आग लगने की कई घटनाएं देखने को मिली हैं, जिससे श्रद्धालुओं में भय का माहौल बना हुआ है।
शनिवार रात को सेक्टर 18 में स्थित तुलसी मार्ग पर एक कल्पवासी के टेंट में आग लगने से पूरा सामान जलकर राख हो गया। बताया जा रहा है कि यह आग रसोई गैस सिलेंडर के लीकेज के कारण लगी थी। हालांकि, फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह आग पर काबू पा लिया।
कैसे लगी आग? सिलेंडर लीकेज बना वजह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रात करीब 10 बजे जब एक कल्पवासी चाय बना रहे थे, तभी गैस सिलेंडर में लीकेज हो गया। लीकेज के कारण टेंट में रखे कपड़ों ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते पूरे टेंट में आग फैल गई।
आग से हुए नुकसान:
- 77,000 रुपये नगद जलकर राख हो गए
- कल्पवास से जुड़ा सारा सामान जल गया
- दो टेंट पूरी तरह खाक हो गए
- एक श्रद्धालु मामूली रूप से झुलस गया
इस आग ने सेक्टर 18 के रामकृष्ण आश्रम कैंप में अफरा-तफरी मचा दी। आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और आग बुझाने में जुट गए।
कैसे बुझाई गई आग? श्रद्धालुओं ने दिखाया साहस
आग लगने के बाद वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने तेजी से बचाव कार्य शुरू किया। बताया जा रहा है कि जलते हुए सिलेंडर को बुझाने के लिए बाल्टी से पानी डाला गया, जिससे आग काबू में आ गई।
राहत कार्य में शामिल लोग:
- आसपास के कैंप के श्रद्धालु
- महाकुंभ में तैनात सुरक्षा कर्मी
- फायर ब्रिगेड की टीम
जब तक फायर ब्रिगेड की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंची, तब तक श्रद्धालु खुद ही आग पर काबू पा चुके थे। लेकिन तब तक टेंट में रखा सारा सामान जल चुका था।
महाकुंभ में बढ़ती आग की घटनाएं – सुरक्षा पर उठे सवाल
शनिवार की रात ही सेक्टर 17 में एक बिजली केंद्र में आग लगने की घटना भी सामने आई। समय रहते इस पर काबू पा लिया गया, लेकिन लगातार आग की घटनाओं ने महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
महाकुंभ में हाल ही में हुई आग की घटनाएं:
- सेक्टर 18 में सिलेंडर लीकेज से आग
- सेक्टर 17 में बिजली केंद्र में आग
- कई अन्य कैंपों में छोटी-मोटी आग लगने की घटनाएं
यह घटनाएं प्रशासन के लिए गंभीर चेतावनी हैं। यदि समय रहते कड़े सुरक्षा उपाय नहीं किए गए, तो भारी जनहानि हो सकती है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया – सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश
महाकुंभ प्रशासन ने इन घटनाओं के बाद सुरक्षा इंतजामों को और कड़ा करने के निर्देश दिए हैं। खासकर रसोई गैस सिलेंडर के इस्तेमाल और बिजली व्यवस्था की निगरानी बढ़ाई जाएगी।
प्रमुख कदम:
महाकुंभ के सभी सेक्टरों में अतिरिक्त फायर ब्रिगेड तैनात की जाएगी।
गैस सिलेंडर की चेकिंग के लिए विशेष टीम बनाई जाएगी।
श्रद्धालुओं को आग से बचाव के उपाय बताए जाएंगे।
बिजली के तारों और उपकरणों की जांच की जाएगी।
क्या है कल्पवास? क्यों लाखों लोग आते हैं महाकुंभ में?
कल्पवास हिंदू धर्म की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसमें श्रद्धालु माघ महीने में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आकर एक महीने तक कठोर तपस्या करते हैं।
कल्पवास के नियम:
- साधारण भोजन करना
- संगम में रोज स्नान करना
- ईश्वर की आराधना करना
- तंबू में रहकर साधना करना
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान लाखों लोग कल्पवास करने आते हैं। लेकिन आग की बढ़ती घटनाओं ने इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर संकट खड़ा कर दिया है।